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ओडिशा में 37 पीएमश्री केंद्रीय विद्यालय, 26 पीएमश्री जवाहर नवोदय विद्यालयों का शुभारंभ

नयी दिल्ली।  केंद्रीय शिक्षा, कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ओडिशा में 37 पीएमश्री केंद्रीय विद्यालयों और 26 पीएमश्री जवाहर नवोदय विद्यालयों का शुभारंभ किया है। श्री प्रधान ने रविवार को इन विद्यालयों की स्थापना में महती योगदान के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि ये स्कूल राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की पूरी भावना के साथ काम करेंगे। विद्यार्थियों को व्यापक, समावेशी एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करेंगे। उन्होंने कहा कि ओडिशा में लगभग 800 सरकारी स्कूलों को पीएमश्री विद्यालयों में विकसित किया जायेगा। इसमें 1600 करोड़ रुपये से अधिक की लागत आयेगी। उन्होंने ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से राज्य सरकारी स्कूलों में पीएमश्री योजना को लागू करने के लिये एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने का भी अनुरोध किया। इसके माध्यम से ओडिशा के प्रत्येक विकासखंड और शहरी क्षेत्र में दो लेखन विद्यालयों को पीएमश्री विद्यालयों के रूप में विकसित किया जायेगा।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिये देश के शिक्षा क्षेत्र को आगे बढ़ाने की जरूरत है। इसके लिये, ग्रामीण बच्चों को भविष्य के लिये तैयार करने की खातिर शिक्षित किया जाना चाहिये। इससे पहले श्री प्रधान ने भारतीय भाषा संस्थान, भुवनेश्वर के ओरिएंटल भाषा केंद्र में प्रशासनिक और शैक्षणिक भवन, छात्रावास और अतिथि गृह का भी उद्घाटन किया। उन्होंने इस कार्यक्रम में विकास की उन परियोजनाओं के महत्व पर भी जोर दिया जो उड़िया, शांताली, बंगाली और मैथिली भाषाओं के प्रशिक्षण के लिये सुविधाओं का विस्तार करने में सहायता प्रदान करेंगी। केन्द्रीय मंत्री ने संबलपुर और गंजम में बोली जाने वाली भाषा की मिठास और मयूरभंज तथा ढेंकनाल में भाषा की सुंदरता का जिक्र करते हुए उडिया भाषा की विशिष्ट पहचान पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि ओडिशा की जनजातियों की अलग- अलग भाषायें हैं।

श्री प्रधान ने बताया कि स्वतंत्रता सेनानी, प्रख्यात तमिल कवि महाकवि चिन्नास्वामी सुब्रह्मण्यम भारती की जयंती पर मनाये जाने वाले भारतीय भाषा दिवस के अवसर पर 11 दिसंबर को सभी स्कूलों और कॉलेजों में उडिया भाषा पर व्याख्यान और निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया जायेगा, जिससे नयी पीढ़ी को प्रोत्साहित किया जा सके। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने के लिए श्री मोदी के प्रति आभार व्यक्त करते हुये, श्री प्रधान ने कहा कि इसमें न केवल भाषा को एक विषय के रूप में बल्कि अन्य विषयों को भी मातृभाषा में पढ़ाने के बारे में प्राथमिकता दी गयी है। उन्होंने कहा कि जब बच्चे प्रारंभिक चरण में उसी भाषा में पाठ पढ़ते हैं, जिसमें वे बोलते और सुनते हैं, तो उनकी शोध, तर्क और विश्लेषण करने की क्षमता बढ़ जाती है।

पीएमश्री स्कूल राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के कार्यान्वयन का भी प्रदर्शन करेंगे और छात्रों के लिए उज्जवल भविष्य का मार्ग प्रशस्त करने वाले अनुकरणीय स्कूलों के रूप में उभर कर सामने आयेंगे। ये स्कूल 21वीं सदी के प्रमुख कौशलों से युक्त सर्वांगीण व्यक्तित्व का निर्माण करेंगे। इस कार्यक्रम के अवसर पर अनेक गणमान्य व्यक्ति, अधिकारी, शिक्षाविद् और विद्यार्थी भी उपस्थित थे।

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