शिक्षक ही सच्चे राष्ट्र निर्माता: कोविंद

नई दिल्ली ।


राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद  ने कहा कि शिक्षक ही सच्चे राष्ट्र निर्माता हैं जो प्रबुद्ध नागरिकों का विकास करने के लिए चरित्र निर्माण की मजबूत नींव हमारे बच्चों में डालते हैं। श्री कोविंद  ने राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के वर्चुअल समारोह में अपने संबोधन में शनिवार को कहा कि शिक्षकों की वास्तविक सफलता विद्यार्थियों को अच्छा इंसान बनाना है जो तर्कसंगत विचार और कार्य करने में सक्षम हो, जिसमें करुणा, सहानुभूति, साहस और विवेक, रचनात्मकता, वैज्ञानिक ङ्क्षचतन एवं नैतिक मूल्यों का समन्वय हो।


उन्होंने शिक्षकों की प्रतिबद्धता, योगदान और उत्कृष्टता के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि अच्छे भवन और उपकरण से स्कूल नहीं बनता है बल्कि शिक्षकों की निष्ठा और समर्पण से इसका निर्माण होता है। इस समारोह में देश के विभिन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 47 शिक्षकों को सम्मानित किया गया जिनमें 18 अध्यापिका हैं और दो शिक्षक दिव्यांग श्रेणी के हैं।


कोविंद ने कहा, ‘‘ मुझे सबसे अधिक प्रसन्नता इस बात की है कि आज सम्मानित होने वाले 47 शिक्षकों में 18 महिलाएं हैं यानी इन सभी ने करीब 40 प्रतिशत जगह हासिल की है।’’ उन्होंने कहा कि महिलाओं ने हमेशा से ही शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘आप सभी सम्मानित शिक्षक और शिक्षिकाओं को यह बेहद ही प्रतिष्ठित सम्मान प्राप्त करने के लिए बधाई तथा शुभकामना। आप सभी को यह सम्मान देते हुए मुझे हार्दिक प्रसन्नता हो रही है। सामान्य दिनों में तो आप सभी राष्ट्रपति भवन में आमंत्रित होते थे, लेकिन वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण इस बार यह संभव नही हैं। यह प्रतिष्ठित पुरस्कार आप सभी की प्रतिबद्धता तथा अथक मेहनत का परिणाम है। आप सभी ने शिक्षा के स्तर में अपनी गुणवत्ता को बढ़ाकर अपने-अपने विषयों को इतना रुचिकर बनाया कि बड़ी संख्या में विद्यार्थी इससे लाभांवित हुए। कठिन समय में भी आप सभी ने मेहनत कर बच्चों को विश्वास को लगातार बढ़ाया है।’’
कविता और कहानी से गणित पढ़ाने वाले सिक्किम के शिक्षक लोमस धुंगेल और 300 वीडियो बनाकर छात्रों को गणित समझाने वाले ङ्क्षछदवाड़ा के मोहम्मद शाहिद समेत 47 शिक्षकों को राष्ट्रपति ने शनिवार को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया।


श्रीकोविंद ने आज सुबह 11:00 बजे वीडियो  के जरिए इन शिक्षकों को सम्मानित किया।इनमें दो शिक्षक दिव्यांग श्रेणी के है। इनमें अहमदाबाद के नेत्रहीन स्कूल की शिक्षिका श्रीमती जोशी सुधा गौतम भाई और बिहार के बेगूसराय के ²ष्टिहीन शिक्षक संत कुमार साहनी हैं। ये शिक्षक 36 राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों के अलावा 7 संगठनों के भी हैं। इनमें केंद्रीय विद्यालय, जवाहर नवोदय विद्यालय, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड एटॉमिक शिक्षा सोसाइटी आदि के भी शिक्षक शामिल है ।
राष्ट्रपति कोविंद  ने शिक्षक दिवस के अवसर पर इन शिक्षकों को समानित किया।इन शिक्षकों ने अपने स्कूलों में नवाचार का प्रयोग किया है और लड़कियों के लिए स्कूल बनाने, पर्यावरण को सुंदर बनाने तथा सूचना प्रौद्योगिकी का रचनात्मक इस्तेमाल स्कूलों में किया है।
इस मौके पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री संजय धोत्रे भी मौजूद थे। इससे पूर्व श्री कोङ्क्षवद ने राष्ट्रपति भवन में डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के तैलचित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें याद किया और अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

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