स्टार्टअप्स को देश के साथ-साथ विदेशों में भी लिस्टिंग के लिए मंजूरी मिलनी चाहिए
22 भारतीय स्टार्टअप के संस्थापक ने पीएम को लिखे पत्र में विदेशी प्रत्यक्ष लिस्टिंग की अनुमति देने की मांग की। लिस्टिंग होने से फंडिंग के साथ प्रॉफिट-ग्रोथ में बढ़ोतरी होगी।

नई दिल्ली । अच्छे स्टार्टअप के मामले में भारत की रैंकिंग में लगातार सुधार हो रहा है। यूनिकॉर्न से करीब 20 स्टार्टअप जुड़े हैं। दुनिया भर में हमारे उत्पादों और सेवाओं की मांग बढ़ रही है, इसलिए हमारे स्टार्टअप को देश के साथ-साथ दुनिया में एक साथ सूचीबद्ध होने दें। बायजूज, क्रेड, स्विगी, अर्बन कंपनी, भारतपे और अनएकेडमी जैसे 22 स्टार्टअप के संस्थापकों ने पीएम मोदी से यह मांग की है। हालांकि सरकार ने अभी तक सिर्फ आश्वासन ही दिया है।
बस आश्वासन…
हालांकि मई 2021 में सरकार ने देश में बिना लिस्टिंग के विदेश में लिस्टिंग की बात कही थी, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इससे कंपनियों के लिए वैश्विक स्तर पर विस्तार करना आसान हो जाएगा। देश में कुल 20,028 पंजीकृत स्टार्टअप हैं। ज्यादातर महाराष्ट्र में हैं।
सरकारी फंडिंग में कर्नाटक आगे
स्टार्टअप इंडिया के तहत सरकार ने 1701 करोड़ रुपये जारी किए, जिसमें कर्नाटक को सबसे ज्यादा 538 करोड़ रुपये की फंडिंग मिली है। महाराष्ट्र को 489 करोड़, दिल्ली को 253 करोड़, हरियाणा को 120 करोड़ और तमिलनाडु को 88 करोड़ रुपये मिले हैं।
कंपनियों के पास विकल्प हैं: कंपनियां आईपीओ के जरिए पूंजी जुटा रही हैं। इसमें जोमैटो समेत कई स्टार्टअप सामने आए हैं। इस साल अब तक ज्यादातर कंपनियां आईपीओ ला चुकी हैं। 1000 से ज्यादा स्टार्टअप कंपनियां कतार में हैं।
Source-Agency News