दो भाइयों ने बड़े भाई को उतार मौत के घाट चिनहट क्षेत्र में हुई घटना का मामला
ए अहमद सौदागर
लखनऊ। किसी गंभीर मामले को लेकर हुए विवाद ने एक बार फिर अपनों को ही दुश्मन बना दिया। चिनहट थाना क्षेत्र के कंचनपुर मटियारी गांव स्थित राधामोहन कॉलोनी में रहने वाले दो भाईयों ने मिलकर सोमवार की देर रात बड़े भाई 32 वर्षीय आशीष कुमार यादव के सीने में ताबड़तोड़ चाकू से वार कर मौत के घाट उतार दिया।
वारदात को अंजाम देने के बाद दोनों कातिल भाई मौके से भाग निकले।
मृतक की मां कोमल यादव उर्फ लल्ली यादव ने अपने दोनों बेटों अंकुर यादव व आलोक कुमार यादव के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई है।
इंस्पेक्टर चिनहट धनंजय पांडे के मुताबिक फरार दोनों भाईयों की तलाश में में उनके संभावित ठिकानों पर दबिश दी जा रही है और जल्द ही पकड़ लिए जायेंगे।
पूरे घटनाक्रम पर एक नजर
मूल रूप से महानगर क्षेत्र स्थित छठी गली निषातगज के रहने वाले गया प्रसाद यादव करीब पांच साल पहले से मटियारी गांव स्थित राधामोहन कॉलोनी में मकान बनवाकर पत्नी कोमल यादव उर्फ लल्ली यादव एवं तीन बेटों आशीष, अंकुर व आलोक यादव के साथ रहते हैं।
बताया गया कि आशीष मुंशी पुलिया के पास बिल्डर का काम करता था, जबकि अंकुर व आलोक दूसरा कोई काम करते हैं।
मां लल्ली यादव ने बताया कि अलोक प्रेम विवाह किया है, जबकि आशीष व अंकुर की शादी नहीं हुई है।
जानकारों की मानें तो तीनों भाइयों के बीच किसी न किसी बात को लेकर आए दिन विवाद होता रहता था।
मां लल्ली के मुताबिक वह और उसके पति एक दिन पूर्व गोसाईगंज स्थित अपने रिश्तेदार के यहां गए थे और घर पर तीनों बेटे व बहू काजल थी।
बताया गया कि सोमवार की रात किसी बात को लेकर आलोक यादव व उसकी पत्नी काजल के बीच झगड़ा हो गया और देखते ही देखते बात इतनी बढ़ गई कि आलोक पत्नी को पीटने लगा।
यह माजरा देख घर में मौजूद आशीष बचाने के लिए गया, लेकिन उसे नहीं मालूम था कि बचाना उसके लिए खतरनाक साबित हुआ और आलोक व अंकुर मिलकर पीटा फिर चाकू से वार कर हत्या कर दी।
मृतक की बुआ अनीता यादव ने बताया कि बहू को लेकर आए दिन भाईयों में कलह होती रहती थी।
फिलहाल बेटे की मौत के बाद मां, पिता व दो बुआ का रो-रोकर बुरा हाल है।
इस मामले में इंस्पेक्टर चिनहट धनंजय पांडे का कहना कि दोनों भाईयों ने बड़े भाई की हत्या क्यों की पकड़े जाने पर ही साफ़ पता चल सकेगा।
पुलिस का कहना है कि फरार नामजद आरोपियों की तलाश की जा रही है।
बदमाशों से ज्यादा अपनों से डर
राजधानी लखनऊ में अपराधी तो दूर अपने भी अपनों का खून बहाने से नहीं हिचक रहे।
सोमवार की देर रात चिनहट थाना क्षेत्र स्थित मटियारी गांव में हुई घटना ही नहीं इससे पहले भी कई कलयुगी रिश्ते अपनों का खून बहा चुके हैं।
हालात ये हैं कि लोगों बदमाशों से ज्यादा अब अपनों से डर लगने लगा है।
इस तर्ज पर हो रही घटनाओं में पुलिस की भूमिका भी रिपोर्ट दर्ज करने और कातिलों को गिरफ्तार करने तक सीमित है।
पुलिस के पास इस तरह की घटनाओं की रोकथाम के लिए कोई ठोस योजना नहीं है।
शहर से ग्रामीण इलाकों में बीते दिनों और हाल में हुई कुछ सनसनीखेज वारदात को छोड़ अधिकतर में करीबी ही अपनों के कातिल के रूप सामने आएं हैं।
जरायम के रास्ते पर चल कर अमीर बनने की ललक में लोग अपनों को ही निशाना बना रहे हैं।
कंचनपुर मटियारी गांव स्थित राधामोहन कॉलोनी में रहने वाले जिस तरह से दो भाइयों ने मिलकर बड़े भाई आशीष की जान ली तो इससे एक बार फिर साबित हो गया कि अब अपने और बेगाने में कोई फर्क नहीं रहा।
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