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चिकित्सा में सहानुभूति प्रमुख भाव: नायडू

नयी दिल्ली ,

उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने रविवार को कहा कि ‘ जिजीविषा, अनुसंधान और पुनर्खोज’ से देश को कोविड-19 महामारी के खिलाफ वैश्विक लड़ाई का नेतृत्व करने में सहायता मिली है। श्री नायडू ने ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज के पहले स्नातक दिवस समारोह को संबोधित करते हुए महामारी के कारण पैदा हुई चुनौतियों का तकनीकी समाधान खोजने के लिए भारतीय शोधकर्ताओं और वैज्ञानिकों के अथक प्रयास और उनकी प्रतिभा की सराहना की। इस अवसर पर केन्द्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष कुमार गंगवार, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय में सचिव अपूर्व चंद्रा, ईएसआईसी की महानिदेशक श्रीमती अनुराधा प्रसाद, ईएसआईसी कॉलेज, फरीदाबाद के डीन डॉ. असीम दास तथा शिक्षकऔर छात्र मौजूद थे।

चिकित्सा में सहानुभूति प्रमुख भाव: नायडू
उप राष्ट्रपति ने वायरस के प्रसार की रोकथाम का श्रेय देश के डॉक्टरों, वैज्ञानिकों और नीति निर्माताओं के समयबद्ध और निर्णायक उपायों को दिया। उन्होंने कहा, “मैं डॉक्टरों से लेकर नर्सों, पैरा मेडिकल कर्मचारियों और स्वच्छता कर्मचारियों, तकनीशियनों और गांवों में कार्यरत आशा कार्यकर्ताओं तक पूरे स्वास्थ्य क्षेत्र का अभिवादन करता हूं, जिन्होंने महामारी के खिलाफ लड़ाई में एक टीम इंडिया के रूप में एकजुट होकर काम किया।” उन्होंनेे पीपीई किट्स, सर्जिकल दस्तानों, फेस मास्क, वेंटिलेटर और वैक्सीन जैसे आवश्यक सामानों का उत्पादन बढ़ाने के लिए भारतीय उद्योग की सराहना की।

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