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शास्त्री की जयंती पर उज्बेकिस्तान के दो गायकों ने बांधी समा

नयी दिल्ली।  ‘जय जवान ,जय किसान’ का नारा देने वाले पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की 119वीं जयंती के अवसर पर लाल बहादुर शास्त्री नेशनल मेमोरियल में सोमवार को उज्बेकिस्तान के हावेस ग्रुप के गायक दोस्तोनबेक और काख्रामौन ने हिंदी संगीत के माध्यम से उनको भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। राजधानी में लाल बहादुर शास्त्री नेशनल मेमोरियल ट्रस्ट ने लाल बहादुर शास्त्री इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट (एलबीएसआईएम) के सहयोग से इस संगीत कार्यक्रम का आयोजन किया। दोस्तोनबेक और काख्रामौन ने लग जा गले से…, मेरा जूता है जापानी…., जैसे कई बॉलीवुड हिंदी गाने गाए, जिसको सुनकर दर्शक झूम उठे।

लाल बहादुर शास्त्री नेशनल मेमोरियल ट्रस्ट के होल्डिंग ट्रस्टी और एलबीएसआईएम के अध्यक्ष अनिल शास्त्री ने दिवंगत शास्त्री को याद करते हुए कहा,“शास्त्री जी ने आज़ादी की लड़ाई में अग्रणी भूमिका निभाई। उन्होंने अपने प्रधानमंत्रित्व काल में देश को यशस्वी नेतृत्व प्रदान किया। उन्होंने कहा कि शास्त्री जी महात्मा गाँधी के राजनीतिक शिक्षाओं से अत्यंत प्रभावित थे। महात्मा गाँधी के समान विचार रखने वाले लाल बहादुर शास्त्री भारतीय संस्कृति की श्रेष्ठ पहचान है।

शास्त्री जी का ‘जय जवान, जय किसान’ नारा आज भी जनता के बीच बेहद लोकप्रिय है। इस नारे का उद्देश्य देश के जवानो और किसानो को अपने कर्म एवं निष्ठा के प्रति सुदृढ़ रहने तथा देश को खाद्यान्न के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है।