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पिसोचिन से निकाले गये भारतीय यूक्रेनी सीमा के रास्ते: भारतीय दूतावास

कीव/नयी दिल्ली, 

यूक्रेन पर रूस के किए हमले के बाद वहां कई भारतीय नागरिक फंसे हुए हैं, जिन्हें बारी-बारी से निकाला जा रहा है। वहीं यूक्रेन के पिसोचिन शहर से निकाले गए भारतीय फिलहाल पोलैंड बॉर्डर पहुंचने के अपने रास्ते पर हैं, जबकि 150 भारतीयों का एक समूह रोमानिया की सीमा पर पहुंच चुका है। भारतीय दूतावास ने ट्वीट कर कहा है, ‘भारतीय नागरिकों को घर वापस लाया जा रहा है। चवालीस भारतीयाें के एक समूह ने पिसोचिन से अपने सफर की शुरुआत की है, जो लवीव से पोलैंड की सीमा तक पहुंचने के अपने रास्ते पर हैं। इसके साथ ही 150 भारतीयों का एक अन्य समूह रोमानिया की सीमा तक पहुंच चुका है। हमारा प्रयास जारी है। सुरक्षित और मजबूत बने रहिए।’ इसके अलावा, हंगरी में भारतीय दूतावास ने एक वीडियो ट्वीट किया जिसमें विद्यार्थी अपनी घर वापसी को लेकर उत्साही नजर आ रहे हैं। उन्हें ‘वंदे मातरम’ और ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाते हुए देखा जा रहा है। ट्वीट में कहा गया, ‘ऑपरेशन गंगा के अंतिम चरण के तहत आज बुडापेस्ट से नयी दिल्ली के लिए उड़ान भरने पहले अपना उत्साह व्यक्त करते विद्यार्थी और स्वयंसेवक।’


आज सुबह हंगरी में भारतीय दूतावास ने कहा था कि उनके द्वारा ऑपरेशन गंगा के तहत निकासी के अंतिम चरण को शुरू किया जा रहा है। सभी विद्यार्थियों को बुडापेस्ट के राकोजी में हंगेरियन सिटी सेंटर पहुंचने के लिए कहा गया है। शनिवार को, कीव में भारतीय दूतावास ने कहा कि उन्होंने पिसोचिन के सुरक्षित क्षेत्र से सभी भारतीयों को निकाल लिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कल नयी दिल्ली में अपने मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि भारतीयों को पिसोचिन से बाहर निकालने के लिए पांच और बसों का इंतजाम किया गया है और इसके अलावा, वहां भारतीयों के लिए भोजन और पानी की व्यवस्था करने में वे सक्षम रहे हैं। भारतीय राजदूत पार्थ सत्पथी ने कल एक संदेश में कहा कि खारकिव और सूमी को छोड़कर यूक्रेन के बाकी जगहों से लगभग सभी भारतीयों को निकाल लिया गया है।

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