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मऊ काे लूटने वाले माफियों को पाताल से भी निकाल लायेंगे: योगी

मऊ।  उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को मऊ जनपद में 203 करोड़ रुपये की लागत वाली विकास परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास करते हुए कहा कि सालों तक मऊ को माफियाओं ने जमकर लूटा है। इस क्षेत्र को दीमक की तरह लूटने वाले माफिया कोई भी हों, उन्हें सरकार पाताल से भी निकाल लायेगी। मऊ के दौरे पर आये योगी ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि अपराध और अपराधियों के खिलाफ उनकी सरकार में ‘ज़ीरो टॉलरेंस’ की नीति से काम हो रहा है। योगी ने कहा, “माफिया कोई भी हो, कहीं भी हो, उसे पाताल से भी निकाल कर लाएंगे। मऊ को माफियाओं ने लूट लिया, यहां के माफिया इस क्षेत्र को दीमक की तरह चाट कर खा गये। वे गरीबों के हक पर डाका डालते रहे, आज इसी की भरपाई सरकार उनसे और उनके खानदान से करवा रही है।” गौरतलब है कि योगी सरकार के गठन के बाद मऊ के बाहुबली पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी और उनके परिजनों के खिलाफ चल रहे आपराधिक मामलों की जांच तेज कर दी गयी। साथ ही अवैध तरीकों से जुटाई गयी संपत्ति को भी सरकार जब्त कर रही है। किसी का नाम लिये बिना योगी ने अपराधियों को दो टूक चेतावनी देते हुए कहा, “गुण्डे, अपराधी और माफियाओं को पाताल से भी खींच कर लायेंगे और उन्हें कानून के शिकंजे में डालकर सीधा किया जायेगा। इस दौरान उन्होंने मऊ में एक मेडिकल कॉलेज खोलेन की भी घोषणा करते हुए अधिकारियों से कहा कि वे जमीन तलाश कर रखें, क्योंकि यहां मेडिकल कॉलेज स्थापित करने की घोषणा कभी भी हो सकती है।


योगी ने मऊ को ऋषि, मनीषी, क्रांतिकारीयों व वीर रस के अवतारी कवि पं. श्याम नारायण पांडेय की धरती बताते हुए इस धरा को नमन किया। उन्होंने कहा कि कृषि के बाद, वस्त्र उद्योग ही रोजगार सृजन का सबसे बड़ा क्षेत्र है। मऊ की बंद पड़ी कताई व बुनाई मिलों का शीघ्र पुनरुद्धार होगा, जिससे यहां के लोगों को स्थानीय स्तर पर रोजगार मिल सके। इससे पहले योगी ने मऊ में 203 करोड़ रुपये की लागत वाली 45 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया। इसमें से 161.70 करोड़ रुपये की 32 परियोजनाओं का लोकार्पण एवं 42 करोड़ रुपये की लागत वाली 15 परियोजनाओं का शिलान्यास शामिल है । योगी ने जनसभा में कहा कि अपराध और अपराधपरस्त लोगों के चलते विकास की गाड़ी को ब्रेक लगा रहा है, लेकिन डबल इंजन की सरकार में अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंस के चलते फिर से विकास का पहिया चल पड़ा है। उन्होंने कहा कि मऊ जनपद शीघ्र ही लखनऊ, वाराणसी और गोरखपुर की तर्ज पर विकास के आयाम स्थापित करेगा। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि यह धरती ऋषि, मुनि, मनीषियों, क्रांतिकारियों एवं पं. श्याम नारायण पांडेय की धरती रही है जो भारत की विरासत के प्रति कृत संकल्पित थे। लेकिन इस धरती पर चल रहे विकास के महायज्ञ को बाधित करने का काम यहां के माफिया और उनेके गुर्गों ने किया। विकास के लिये भेजे गये पैसे को माफिया दीमक की तरह चाट गये। उन्होंने कहा, “यहां के माफिया मऊ के विकास के पैसों से अपनी हवेली और अपनी निजी संपत्ति बनाने में लगे रहे, लेकिन आज अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंस की सरकार ने साबित कर दिया है कि अपराधी कोई भी हो, चाहे उसे किसी का संरक्षण प्राप्त हो रहा हो, अगर वह पाताल के अंदर भी होगा तो भी उसे खींचकर कानून के शिकंजे में डालकर सीधा कर दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि यह डबल इंजन की सरकार जनता जनार्दन के लिए कृत संकल्पित है। रोटी, कपड़ा और मकान की व्यवस्था तथा ‘गरीबी हटाओ’ महज नारे बन कर रह गए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लगातार स्वरोजगार व रोजगार की व्यवस्था किये जाने से विगत कुछ वर्षों में लाखों युवाओं को रोजगार मिले। वहीं आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा भारत, आज विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बनकर उभरा है। जिसने ब्रिटेन को भी पीछे छोड़ दिया है। जनसभा में योगी के संबोधन के पूर्व राज्य के कैबिनेट मंत्री और मऊ जनपद निवासी एके शर्मा ने बंद हो चुकी स्वदेशी कॉटन मिल व परदहा काटन मिल के पुनरुद्धार के साथ ही मऊ में मेडिकल कॉलेज खोले जाने की मांग रखी। मुख्यमंत्री योगी ने इस पर तत्काल संज्ञान लेते हुए जिला प्रशासन को कहा, “अधिकारी जमीन तलाश कर रखें, मेडिकल कॉलेज की घोषणा कभी भी हो सकती है।” योगी ने कहा कि प्रदेश के 75 जिलों में से अब सिर्फ 14 जनपदों में मेडिकल कॉलेज नहीं हैं। इनमें मऊ और बलिया भी शामिल हैं। जिनके लिए शीघ्र ही पालसी आ रही है। ऐसे में सभी जनपदों में मेडिकल कॉलेज स्थापित किए जाएंगे। इसके साथ ही उन्होंने बंद पड़े उद्योगों और कताई मिल इत्यादि के लिए भी व्यापक कार्ययोजना जल्द लागू करने की भी बात कही। उन्होंने कहा कि कृषि के बाद वस्त्र उद्योग ही एक ऐसा उद्योग है जो सबसे अधिक रोजगार का सृजन करता है। ऐसे में हैंडलूम, पावर लूम, कताई मील इत्यादि के माध्यम से उद्योगों का पुनरुद्धार करना इस कार्ययोजना में शामिल है।

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