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सुप्रीम कोर्ट का हिमाचल सरकार को आदेश, अपीलकर्ता को 1972-73 का भूमि का मुआवजा दें

नयी दिल्ली, 

उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को हिमाचल प्रदेश सरकार को 1972-73 में राज्य सरकार द्वारा अधिग्रहित भूमि के मुआवजे का भुगतान करने का निर्देश दिया। न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की पीठ ने सुखदत्त रातरा और अन्य की याचिका पर यह निर्देश दिया। पीठ ने याचिकाकर्ताओं द्वारा हिमाचल प्रदेश सरकार के खिलाफ दायर ‘विशेष अनुमति याचिका’ को स्वीकार ली। राज्य सरकार ने 1972-73 में बिना भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही शुरू किये ‘नाराग फगला रोड’ के निर्माण के लिए भूमि का उपयोग किया था। सरकार ने अपीलकर्ताओं या आसपास की भूमि के मालिकों उनके जमीन का मुआवजा नहीं दिया।


शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार को आदेश दिया कि वह कानूनी लागत के मद में अपीलकर्ताओं को 50,000 रुपये का भुगतान करें। पीठ ने कहा कि राज्य कोई भी सबूत पेश करने में असमर्थ था जो यह दर्शाता है कि अपीलकर्ताओं की भूमि कानून के अनुसार अधिग्रहित की गई थी या सरकार ने कभी कोई मुआवजा दिया था।