केंद्रीय मंत्री प्रमाणिक को सुप्रीम कोर्ट ने दी गिरफ्तारी से राहत
नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री निसिथ प्रमाणिक के खिल वर्ष 2018 में दर्ज हत्या के प्रयास के एक मामले में शुक्रवार को अंतिम राहत देते हुए पश्चिम बंगाल पुलिस को निर्देश दिया कि वह इस मामले में उच्च न्यायालय में उनकी अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई होने तक याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई न करे। न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय द्वारा मामले की सुनवाई होने तक याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई दंडात्मक कदम नहीं उठाया जाएगा। पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता के वकील ने तर्क दिया कि जलपाईगुड़ी में सर्किट पीठ की अगली तारीख 22 जनवरी है।
शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता को अगली सुनवाई तक गिरफ्तारी से सुरक्षा देते हुए उच्च न्यायालय से उनकी याचिका का यथाशीघ्र निपटारा करने को कहा। पश्चिम बंगाल सरकार के वरिष्ठ वकील गोपाल शंकरनारायणन ने आश्वासन दिया कि उच्च न्यायालय में अगली सुनवाई तक कोई गिरफ्तारी नहीं की जाएगी। उन्होंने अदालत से इसे आदेश में दर्ज नहीं करने का अनुरोध किया।
श्री प्रमाणिक के वकील पी एस पटवालिया ने गुरुवार को अदालत के समक्ष दलील दी थी कि उनका मुवक्किल संसद सदस्य एवं मंत्री है। उच्च न्यायालय ने चार जनवरी को उन्हें गिरफ्तारी से सुरक्षा देने से इनकार कर दिया था। शीर्ष अदालत के समक्ष वकील ने कहा था कि पहले वह तृणमूल कांग्रेस में थे। अब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ हैं, इसीलिए मामले में उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है। शीर्ष अदालत ने उनकी दलील सुनने के बाद शीघ्र सुनवाई की उनकी गुहार स्वीकार की थी।