आनंद विवाह अधिनियम लागू करने की तैयारी में हैं राज्य
नयी दिल्ली। झारखंड, महाराष्ट्र और मेघालय सहित कई राज्यों ने आनंद विवाह अधिनियम को अपने यहां लागू करने की अधिसूचना जारी कर दी है तथा कई अन्य राज्यों ने इसे दो माह के अंदर लागू करने का केंद्र को भरोसा दिया है। यह जानकारी अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की सोमवार को जारी एक विज्ञप्ति में दी गयी है। यह अधिनियम सिखों को विवाह के कार्यान्वयन एवं पंजीकरण से संबंधित है।
मंत्रालय की विज्ञप्ति में कहा गया है कि राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने आनंद विवाह अधिनियम के कार्यान्वयन पर चर्चा करने के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ बैठक की। आयोग के अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा की अध्यक्षता में वीडिया कांफ्रेंसिंग के जरिए आयोजित इस बैठक में 18 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ आनंद विवाह अधिनियम के तहत सिखों के विवाह के कार्यान्वयन और पंजीकरण पर चर्चा की गयी।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि बैठक में,“झारखंड, महाराष्ट्र और मेघालय सहित कुछ राज्यों ने अपने-अपने राज्यों में उक्त अधिनियम के कार्यान्वयन की सूचना दी, जबकि शेष राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने दो महीने के भीतर अधिनियम को कार्यान्वित करने का आश्वासन दिया है। वर्ष 1909 के आनंद विवाह अधिनियम में संशोधन करने वाले आनंद विवाह संशोधन अधिनियम 2012 को राष्ट्रपति की स्वीकृति सात जून 2012 को मिली थी। इस अधिनियम ने सिख पारंपरिक विवाहों को मान्यता देने का मार्ग प्रशस्त किया। इसमें ‘आनंद कारज’ विवाहों के अनिवार्य पंजीकरण का प्रावधान किया गया है।