स्टालिन का मोदी से मछुआरों की समस्याओं का स्थायी समाधान खोजने का आग्रह
दिल्ली। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से यहां मुलाकात की तथा भारतीय मछुआरों के पारंपरिक मछली पकड़ने के अधिकारों को सुरक्षित करने के साथ ही श्रीलंका की हिरासत से उनकी रिहाई में तेजी लाने के लिए स्थायी समाधान की मांग की। श्री स्टालिन ने श्री मोदी को सौंपे गये ज्ञापन में कहा कि तमिलनाडु में 1076 किलोमीटर लंबी तटरेखा है, जिसमें बड़ी संख्या में तटीय समुदाय अपनी आजीविका के लिए मछली पकड़ने पर निर्भर हैं। हाल के दिनों में श्रीलंकाई नौनिकों द्वारा भारतीय मछुआरों की गिरफ्तारी तथा उनकी नौकाओं और मछली पकड़ने के उपकरणों को जब्त करने की घटनाएं बढ़ी है। इन घटनाओं से राज्य में बड़ी संख्या में गरीब मछुआरे परिवारों की आजीविका पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है।
उन्होंने याद दिलाया कि मछुआरों की रिहाई को लेकर विदेश मंत्री एस. जयशंकर को 13 पत्र लिखे गये हैं। राजनयिक माध्यम से बार-बार किये गये प्रयासों के बावजूद श्रीलंका द्वारा भारतीय मछुआरों की गिरफ्तारी का सिलसिला जारी है, जिससे मछुआरा समुदाय में गंभीर अशांति पैदा हो रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष 23 सितंबर तक कुल 191 मछली पकड़ने वाली नावें जब्त हैं और 145 भारतीय मछुआरे श्रीलंका की हिरासत में हैं, जो पिछले सात वर्षों में सबसे अधिक है। इनमें से 21 मछुआरों को दोषी ठहराया गया है और वर्तमान में वे छह महीने से लेकर दो साल तक की जेल की सजा काट रहे हैं। सत्तावन मछुआरों पर श्रीलंकाई रुपये (एसएलआर) 10 लाख / तीन महीने की कैद से लेकर एसएलआर 1.5 करोड़ / 6 महीने की कैद तक की जेल की सजा सुनायी गयी है जबकि शेष 67 मछुआरों का मामला विचाराधीन हैं।
उन्होंने कहा कि श्रीलंकाई अदालतों द्वारा गरीब मछुआरों पर 1.5 करोड़ एसएलआर का जुर्माना लगाना क्रूरता और समझ से परे है। इस संबंध में विदेश मंत्रालय से अनुरोध किया गया है कि वह निर्दोष मछुआरों की रिहाई के लिए राजनयिक चैनलों के माध्यम से आवश्यक कानूनी सहायता प्रदान करे और उन पर लगाये गये भारी जुर्माने को रद्द करने की अपील करने में उनकी मदद करे। मुख्यमंत्री ने वर्ष 2021 से अब तक सात मछुआरों की मौत पर भी अपनी गंभीर चिंता जताई है। इसमें इस साल एक अगस्त को मछली पकड़ने वाली नौकाओं पर श्रीलंकाई नौसेना के जहाज के टकराने से हुई दो मौतें भी शामिल हैं। वर्ष 2018 के बाद और अब तक विभिन्न बंदरगाहों में पकड़ी गई और जब्त की गयी 191 नौकाओं की स्थिति के बारे में पता नहीं है। उन्होंने कहा कि स्थिति का आकलन किया जाना चाहिए, जिसके लिए अधिकारियों और मछुआरों की एक संयुक्त टीम द्वारा निरीक्षण की सुविधा प्रदान की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि श्रीलंका सरकार द्वारा जब्त की गई नौकाओं के राष्ट्रीयकरण की हालिया नीति एक चरम कदम है जिससे राज्य में लाखों मछुआरों और उनके परिवारों की आजीविका और भविष्य पर असर पड़ेगा। भारी जुर्माना लगाने और पकड़ी गई नौकाओं के राष्ट्रीयकरण को कूटनीतिक हस्तक्षेप के माध्यम से रोका जाना चाहिए। भारत और श्रीलंका के बीच मत्स्य पालन पर 29 अक्टूबर को कोलंबो में होने वाली संयुक्त कार्य समूह (जेडब्ल्यूजी) की बैठक के मद्देनजर मुख्यमंत्री ने कहा कि दोनों देशों के मछुआरों के बीच मछुआरा स्तरीय वार्ता की तत्काल व्यवस्था करना आवश्यक है, जो वर्ष 2016 से नहीं हुई है। उन्होंने इस जटिल मुद्दे का स्थायी समाधान खोजने के लिए श्री मोदी से व्यक्तिगत हस्तक्षेप की मांग की।