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सिंधू ने जीता कांस्य, भारत को दिलाया तीसरा पदक

टोक्यो,

पिछले रियो ओलम्पिक की रजत विजेता और मौजूदा विश्व चैंपियन भारत की पीवी सिंधू ने शानदार प्रदर्शन करते हुए चीन की ही बिंग जियाओ को रविवार को 21-13, 21-15 से हराकर बैडमिंटन एकल प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीत लिया और इसके साथ ही उन्होंने भारत को इन टोक्यो ओलम्पिक खेलों में तीसरा पदक दिला दिया। सिंधू इसके साथ ही ओलम्पिक में लगातार दो पदक जीतने वाली देश की दूसरी खिलाड़ी और यह उपलधि हासिल करने वाली देश की पहली महिला खिलाड़ी बन गयी हैं। इससे पहले यह उपलब्धि पहलवान सुशील कुमार को हासिल थी जिन्होंने 2008 में बीजिंग ओलम्पिक में कांस्य और 2012 के लंदन ओलम्पिक में रजत पदक जीता था। सिंधू ने 2016 में रजत पदक जीता था और इस टोक्यो ओलम्पिक में कांस्य पदक जीता। भारोत्तोलक मीराबाई चानू ने इन खेलों में सबसे पहले रजत पदक जीता जबकि महिला मुक्केबाज लवलीना बोर्गोहैन ने सेमीफाइनल में पहुंचकर भारत के लिए कम से कम कांस्य पदक पक्का कर दिया है। भारत अपने इस तीसरे पदक के साथ रियो ओलम्पिक में जीते अपने दो पदकों से आगे निकल गया है।
सिंधू ने जीता कांस्य, भारत को दिलाया तीसरा पदक
सिंधू के कांस्य पदक जीतते ही भारत के एकमात्र ओलम्पिक व्यक्तिगत स्वर्ण विजेता निशानेबाज अभिनव बिंद्रा ने सिंधू को बधाई देते हुए ट्विटर पर एक बधाई पत्र साझा करते हुए कहा कि सिंधू आपको बधाई। आपने हमें सुपर गौरव प्रदान किया है। भारत के केंद्रीय खेल मंत्रालय ने भी सिंधू को बधाई देते हुए कहा ,’चैंपियन आपको हार्दिक बधाई। ‘ सिंधू पिछले रियो ओलम्पिक के फ़ाइनल में स्पेन की कैरोलिना मारिन से हार गयी थीं। इस बार भी उन्हें सेमीफाइनल में चीनी ताइपे की ताई जो यिंग से हार का सामना करना पड़ा लेकिन कांस्य पदक के मुकाबले में उन्होंने चीन की बिंग जियाओ को लगातार गेमों में पराजित कर दिया।

टोक्यो ओलम्पिक : पीवी सिंधू ने जीता कांस्य, भारत को दिलाया तीसरा पदक - Live  7 TV
छठी सीड सिंधू ने विश्व की नौंवें नंबर की खिलाड़ी बिंग जियाओ को 53 मिनट तक चले मुकाबले में पराजित किया। भारतीय खिलाड़ी ने मैच पर अपना नियंत्रण लगातार बनाये रखा और बढ़त को अपने हाथों से फिसलने नहीं दिया। पहला गेम जीतने के बाद सिंधू ने दूसरे गेम में भी अपनी बढ़त को बनाये रखा। सेमीफाइनल की हार में की गयी गलतियों से सबक लेते हुए सिंधू ने कांस्य पदक मैच में उन गलतियों को खुद से दूर रखा। उन्होंने बेहतर कोर्ट कवरेज, नेट पर खेल , स्मैश सभी पर अपना नियंत्रण दिखाया और बिंग जियाओ को वापसी नहीं करने दी। मैच अंक जीतते ही सिंधू ने मुट्ठियाँ भींच कर अपनी ख़ुशी का इजहार किया। आखिर उन्होंने भारत के लिए नया इतिहास बनाया।

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