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गोयल से मिले शाहनवाज, बिहार को दो टेक्सटाइल पार्क देने की मांग की

नयी दिल्ली, 

बिहार के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने खाद्य, सार्वजनिक वितरण और कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात कर बिहार को दो टेक्सटाइल पार्क देने की मांग की। श्री गोयल से मुलाकात के दौरान श्री हुसैन ने बुधवार को आग्रह किया कि बिहार की इथेनॉल इकाईयों को भी बैकों की वित्त पोषण और केंद्र की सभी वित्तीय सहायता योजनाओं का लाभ मिले। इसके साथ ही बिहार में उत्पादित इथेनॉल की 100 प्रतिशत खरीद के लिए कम से कम सात वर्ष का त्रिपक्षीय करार – इथेनॉल कंपनी, बैंक और तेल विपणन कंपनियों के बीच सुनिश्चित हो। श्री हुसैन ने कहा, ” केंद्र सरकार के मेगा टेक्सटाइल पार्क के लिए कम से कम 1000 एकड़ जमीन की आवश्यकता होती है जो कि बिहार जैसे कृषि प्रधान राज्य के लिए उपयुक्त नहीं है। अगर टेक्सटाइल पार्क की परिधि खासकर बिहार के लिए घटाकर दो- दो सौ एकड़ कर दी जाती है, तो काफी अच्छा रहेगा।” उन्होंने कहा कि दो- दो सौ एकड़ के दो टेक्सटाइल पार्क के लिए बिहार के पास जमीन उपलब्ध है और अगर केंद्र सरकार की ओर से बिहार की इन मांगों को स्वीकार किया जाता है तो हम तत्काल बिहार में दो टेक्सटाइल पार्क स्थापित करने की स्थिति में होंगे।

गोयल से मिले शाहनवाज, बिहार को दो टेक्सटाइल पार्क देने की मांग की
बिहार के मंत्री ने कहा, ” मुलाकात बहुत अच्छी रही। श्री गोयल ने भरोसा दिया है कि बिहार में ज्यादा से ज्यादा इथेनॉल की इकाईयां लगे, इसके लिए केंद्र की तरफ से जो भी मदद होगी, की जाएगी। ” उन्होंने कहा, ” बिहार देश का पहला राज्य है जो अपना इथेनॉल पॉलिसी लेकर आया और बायोफ्यूल्स को बढ़ावा देने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजना में काफी सक्रियता से भागीदारी निभा रहा है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2007-08 में ही अनाज से इथेनॉल बनाने के लिए केंद्र को प्रस्ताव दिया था जिसे 2018 में बायोफ्यूल नीति लाकर नरेंद्र मोदी सरकार ने स्वीकृति दे दी। अगर बिहार सरकार की वित्तीय सहायता योजना के साथ साथ बैकों की वित्त पोषण और केंद्र की सभी वित्तीय सहायता स्कीमों का भी लाभ बिहार की इथेनॉल कंपनियों को मिलता है तो बिहार में तेजी से इथेनॉल उद्योगों की स्थापना हो सकेगी।”

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उल्लेखनीय है कि देश के किसी भी हिस्से में इथेनॉल इकाइयों की स्थापना के लिए केंद्र सरकार की तरफ से भी ब्याज अनुदान की योजना लाई गई थी जिसके लिए आवेदन की तिथि 14 जनवरी 2021 से शुरु होकर सिर्फ 30 दिनों के लिए थी, जबकि बिहार में इथेनॉल उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए लाई गई इथेनॉल उत्पादन प्रोत्साहन नीति की शुरुआत मार्च 2021 में हुई। इसके अलावा बैंकों द्वारा लाई गई वित्त पोषण की एसओपीजी में भी पात्रता उन्हीं ईकाईयों की रखी गई जिन्हें 14 जनवरी 2021 को आई योजना के तहत स्वीकृति मिली थी। इस तरह बिहार की ज्यादातर ईथेनॉल इकाइयों को न तो भारत सरकार की ब्याज अनुदान की योजना का लाभ मिल पा रहा है और न ही बैंकों द्वारा लाई गई वित्त पोषण की एसओपीज का। इस संबंध में पहले भी केंद्रीय खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के साथ बिहार के उद्योग मंत्री और उनके विभाग की बातचीत हुई है।

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