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शाह ने शहरी सहकारिता विकास निगम लिमिटेड का उद्घाटन किया

नयी दिल्ली।  केन्द्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शनिवार को यहां शहरी सहकारी बैंकों के अम्ब्रेला संगठन, राष्ट्रीय शहरी सहकारिता वित्त और विकास निगम लिमिटेड का उद्घाटन किया। इस अवसर पर सहकारिता राज्य मंत्री बी एल वर्मा और डॉ. आशीष कुमार भूटानी, सचिव सहकारिता मंत्रालय सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। श्री शाह ने कहा कि जब तक सहकारी संस्थाओं के बीच सहकार और परस्पर आगे बढ़ने की ताकत नहीं दी जाएगी, तब तक आगे नहीं बढा जा सकता। उन्होंने कहा कि लगभग 20 साल के संघर्ष के बाद विकास निगम लिमिटेड की स्थापना हो रही है और ये सबके लिए बहुत शुभ दिन है।

केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि पहले सहकारिता मंत्रालय और सहकारिता क्षेत्र अनेक मंत्रालयों में बिखरा हुआ था। उन्होंने कहा कि आज़ादी के 75 वर्षों के बाद अलग सहकारिता मंत्रालय का गठन कर सहकारिता को एक नया जीवन दिया गया है। उन्होंने कहा कि सवा सौ साल तक सहकारिता क्षेत्र जूझता रहा और अपने अस्तित्व को बचाता रहा, लेकिन अब सरकारी व्यवस्था के सहयोग से ये द्रुत गति से चलेगा तथा देश के अर्थतंत्र में अपना सम्मान हासिल करेगा। उन्होंने कहा कि सहकारिता आंदोलन को जनआंदोलन के स्वरूप में बदलने का प्रयास किया जा रहा है।

श्री शाह ने कहा कि ये अंब्रेला संगठन समय की ज़रूरत था और स्वनियमन के लिए एक प्रकार की नई शुरूआत है। उन्होंने कहा कि इस संगठन के बनने के बाद देश में अर्बन कोऑपरेटिव बैंकों का विकास कई गुना बढ़ जाएगा। उन्होंने कहा,“ हमारी विश्वसनीयता के लिए बेहद ज़रूरी है कि हम खुद को अपग्रेड करें और भारतीय़ रिज़र्व बैंक के सभी नियमों का पालन करें। अगर हम ऐसा नहीं करते तो आने वाले समय में स्पर्धा में नहीं टिक सकेंगे।” उन्होंने कहा कि अंब्रेला संगठन का एक प्रमुख काम छोटे से छोटे बैंक को तैयार करना होना चाहिए। उन्होंने कहा,“ हमें हर शहर में अर्बन कोऑपरेटिव बैंक खोलने का लक्ष्य रखकर आगे बढ़ना चाहिए।”

केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि कोऑपरेटिव फाइनेंस में अच्छा काम करने वाली क्रेडिट सोसाइटी को बैंक में बदलने के लिए इस अंब्रेला संगठन को एक व्यवस्था करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस विकास निगम लिमिटेड का एक उद्देश्य क्रेडिट सोसाइटीज और अर्बन कोऑपरेटिव बैंक की सेवाओं और संख्या में विस्तार करना भी होना चाहिए। हमें एक समयबद्ध कार्यक्रम बनाना चाहिए कि हर शहर में एक अर्बन कोऑपरेटिव बैंक कैसे बने। उन्होंने कहा कि कोऑपरेटिव मूवमेंट को जिंदा रखने के लिए इसे प्रासंगिक भी बनाना होगा और उसका विस्तार भी करना होगा। उन्होंने कहा कि अंब्रेला संगठन से छोटे बैंकों को कई प्रकार की सुविधाएं मिलेंगी, बैंकों और रेगुलेटर के बीच संवाद का काम भी सुचारू संवाद का काम भी यह अंब्रेला ऑर्गेनाइजेशन करेगा।