शाह ने त्रिपुरा में 668 करोड़ रुपए के विभिन्न विकास कार्यों का शुभारंभ और शिलान्यास किया
नयी दिल्ली। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को त्रिपुरा के धलाई में 668 करोड़ रुपए से अधिक के विभिन्न विकास कार्यों का शुभारंभ और शिलान्यास किया। श्री शाह ने धलाई में ब्रू समुदाय की एक बस्ती में लोगों के साथ मुलाकात की और संवाद किया। इस अवसर पर त्रिपुरा के मुख्यमंत्री प्रो (डॉ.) माणिक साहा, केन्द्रीय गृह सचिव, खुफिया ब्यूरो के निदेशक और पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो के महानिदेशक भी उपस्थित थे। गृह मंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार ने 38 हज़ार ब्रू रियांग लोगों को बसाया है। उन्होंने कहा कि लगभग 25 साल से बेहद खराब परिस्थितियों में जीवन जी रहे ब्रू रियांग भाईयों-बहनों को पानी, शौचालय, बिजली, शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाएं तक प्राप्त नहीं थी। यहाँ लंबे समय तक शासन करने वालों को ब्रू रियांग लोगों का दर्द कभी नहीं दिखाई दिया, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इन लोगों के दर्द को देखा, समझा औऱ दूर किया। उन्होंने कहा कि जब त्रिपुरा में परिवर्तन हुआ और उनकी पार्टी की सरकार बनी, तब केन्द्र में भी मोदी सरकार थी। उस वक्त हुए समझौते के कारण 40 हज़ार लोगों के बसने, रोजगार, स्वास्थ्य, शिक्षा, शुद्ध पेयजल, शौचालय और महिलाओं के लिए सहकारिता की व्यवस्था करने का काम हुआ। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार के कार्यकाल में ऐसी कई योजनाएं बनती थीं, लेकिन कभी जमीन पर नहीं उतरती थीं।
श्री शाह ने कहा कि 1998 से बदतर जीवन जी रहे ब्रू रियांग भाईयों-बहनों के लिए मोदी सरकार ने योजना बनाई और 900 करोड़ रूपए के खर्च से 11 गाँव भी बसाए। उन्होंने कहा कि इन गाँव में बिजली, सड़कें, पीने का पानी, कनेक्टिविटी, सोलर स्ट्रीट लाइट्स, सस्ते अनाज की दुकान, आंगनवाड़ी स्कूल और स्वास्थ्य केन्द्र खुले हैं। इन 11 कॉलोनी में रहने वाले लोगों को भारत के अन्य नागरिकों की तरह सभी अधिकार दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि इन लोगों के नाम मतदाता सूची में शामिल किए गए हैं, उनके राशन कार्ड, स्वास्थ्य कार्ड और कोऑपरेटिव बनाकर उन्हें रोज़गार देने का काम भी मोदी सरकार ने किया है।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि पिछली सरकार के शासनकाल में सिर्फ ढाई प्रतिशत लोगों को पीने का पानी मिलता था जबकि आज 85 प्रतिशत लोगों के घर में नल से जल पहुंचता है। पहले किसी गरीब को मुफ्त राशन नहीं मिलता था, लेकिन आज त्रिपुरा के 82 प्रतिशत लोगों को पांच किलो चावल मुफ्त मिल रहा है। उन्होंने कहा कि त्रिपुरा के 80 प्रतिशत लोगों के पांच लाख रूपए तक के स्वास्थ्य का पूरा खर्च मोदी सरकार दे रही है। त्रिपुरा में निवेश आ रहा है, सड़कें बनी हैं, बिजली और शौचालय हर घर तक पहुंचे हैं।
श्री शाह ने कहा कि आज त्रिपुरा में शांति है और यहां हिंसा खत्म हो चुकी है। उन्होंने कहा कि त्रिपुरा के विद्रोही समूहों के साथ तीन समझौते और ब्रू रियांग समझौता कर मोदी सरकार ने राज्य में शांति बहाल की। उन्होंने कहा कि त्रिपुरा शांति के साथ विकास के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है। केन्द्रीय गृह मंत्री ने आज जिन विकास कार्यों का शिलान्यास किया, उनमें अगरतला में केंद्रीय गुप्तचर प्रशिक्षण संस्थान भी शामिल है। गृह मंत्रालय की इस महत्वपूर्ण पहल का उद्देश्य पूर्वोत्तर क्षेत्र और पड़ोसी देशों में सुरक्षा को मजबूत करना और पुलिसिंग के क्षेत्र में उच्च मानकों को स्थापित करना है। उल्लेखनीय है कि शिलॉन्ग में आयोजित पूर्वोत्तर परिषद के 69वें पूर्ण सत्र के दौरान पूर्वोत्तर क्षेत्र की विशिष्ट सुरक्षा चुनौतियों का अध्ययन करने के लिए शैक्षणिक संस्थानों के साथ मिलकर एक शैक्षणिक अनुसंधान केंद्र स्थापित करने की सिफारिश की गई थी।
त्रिपुरा सरकार ने इस संस्थान के लिए पश्चिम त्रिपुरा जिले के जिरनिया उपखंड में 9.57 एकड़ भूमि आवंटित की है। आधारभूत संरचनाओं के निर्माण के लिए गृह मंत्रालय ने 120 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं। यह हर वर्ष पूर्वोत्तर राज्यों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के 6,000 से अधिक कर्मियों को प्रशिक्षित करेगा। संस्थान में अत्याधुनिक सुविधाएं जैसे उन्नत कक्षाएं, सिमुलेशन लैब, आईटी डेटा सेंटर और व्यावहारिक प्रशिक्षण क्षेत्र उपलब्ध होंगे, जो पुलिस कर्मियों को आधुनिक कौशल प्रदान करेंगे। यह संस्थान पूर्वोत्तर भारत में आंतरिक एवं राष्ट्रीय सुरक्षा के विषयों पर प्रशिक्षण और अनुसंधान की उच्च स्तरीय सुविधाएँ उपलब्ध कराएगा। संस्थान में एक समर्पित शैक्षणिक अनुसंधान केंद्र भी होगा, जो शैक्षणिक संस्थानों के साथ मिलकर प्रमुख सुरक्षा चुनौतियों जैसे आतंकवाद रोधी उपाय, सीमा प्रबंधन, मानव तस्करी, मादक पदार्थ तस्करी, अवैध प्रवासन और हथियारों की तस्करी का अध्ययन करेगा। अगरतला में स्थापित होने वाले इस संस्थान से न केवल पुलिस बलों की क्षमता बढ़ेगी, बल्कि सीमा पार सुरक्षा चुनौतियों का प्रभावी समाधान निकालने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग को भी बढ़ावा मिलेगा।