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एससीआई की द आर्ट ऑफ लिविंग के साथ साझेदारी

नयी दिल्ली।  द सात्विक काउन्सिल ऑफ इंडिया(एससीआई) ने युवाओं एवं प्राध्यापक के सशक्तिकरण के लिए द आर्ट ऑफ लिविंग के साथ साझेदारी की है। इसके तहत एससीआई में 18 वर्ष के अधिक उम्र के छात्रों के लिए यूथ एम्पावरमेन्ट एण्ड स्किल प्रोग्राम (येस+) तथा अध्यापकों एवं स्टाफ के लिए फैकल्टी डेवलपमेन्ट प्रोग्राम (एफडीपी) का संचालन किया जाएगा। एससीआई ने गुरुवार को संवाददाता सम्मेलन में बताया कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य व्यक्ति को जीवन के लिए तैयार करना है। यह बात सभी जानते हैं कि 18-30 वर्ष की उम्र बेहद महत्वपूर्ण होती है। द आर्ट ऑफ लिविंग प्रोग्राम नई शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप खासतौर पर ‘लिबरल आर्ट्स’- सॉफ्ट स्किल्स जैसे कम्युनिकेशन, चर्चा, वार्ता, टीमवर्क आदि को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया है। इस समझौते के तहत एससीआई अपने सभी छात्रों के लिए येस+ और एफडीपी कार्यक्रम को पेश करते हुए द आर्ट ऑफ लिविंग प्राध्यपकों को भी आयोजन के लिए हर जरूरी सहयोग प्रदान करेगा। एससीआई के संस्थापक अभिषेक बिस्वास ने कहा,’द आर्ट ऑफ लिविंग के साथ साझेदारी करते हुए हमें बेहद खुशी का अनुभव हो रहा है क्योंकि इस तरह के कार्यक्रम समय की मांग हैं। आज समाज में युवाओं को रिश्तों, करियर, आर्थिक समस्याओं आदि से जुड़े मुद्दों से जूझना पड़ता है। ऐसे में इस तरह के कोर्स उन्हें आगामी जीवन के लिए तैयार करते हैं। द आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थागत कार्यक्रम के निदेशक राजीव नांबियार ने कहा,’जब पर्यावरण और स्वयं में सत्व हावी होता है, तो हम अधिक जागते हैं और एक स्पष्ट धारणा रखते हैं, जिससे हम हल्का, खुश, सुखद और आनंदित महसूस करते हैं। इस समझौते का उद्देश्य सात्विक लीड ऑडिटर प्रोग्राम से गुजरने वाले छात्रों को माइंड मैनेजमेंट प्रोग्राम (दिमाग प्रबंधन कार्यक्रम) प्रदान करना है ताकि उनकी स्पष्ट धारणा और अवलोकन हो सके।’

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