यूएनएससी में उच्च स्तरीय ब्रीफिंग की अध्यक्षता करेंगे जयशंकर
संयुक्त राष्ट्र/नयी दिल्ली,
विदेश मंत्री एस जयशंकर आतंकवाद के विरोध के मुद्दे पर 19 अगस्त को उच्च स्तरीय ब्रीफिंग की अध्यक्षता करेंगे। भारत के दो अगस्त को माह भर के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की अध्यक्षता संभालने के बाद संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने संवाददाताओं से कहा कि उनका देश अपने सभी स्वरूपों में आतंकवाद के खिलाफ मजबूती से अपनी अभिव्यक्ति देगा। उन्होंने कहा, “ हमारा मानना है कि आतंकवाद का कोई औचित्य नहीं है। संयुक्त राष्ट्र में और इससे बाहर भी इस मसले पर हमारा रूख बरकरार है।” उन्होंने कहा कि भारत ने आतंकवाद का मुकाबला करने के प्रयासों को हमेशा से मजबूत किया है। उन्होंने पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को बढ़ावा देने और उसके वित्तपोषण पर अंकुश लगाने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाये जाने का उल्लेख किया और कहा कि भारत ने इस तरह की गतिविधियों के खिलाफ लगातार आवाज उठायी है।
श्री तिरुमूर्ति ने कहा कि श्री जयशंकर 19 अगस्त को इस्लामिक स्टेट/दाएश पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस की रिपोर्ट पर ब्रीफिंग की अध्यक्षता करेंगे।इससे एक दिन पहले वह ‘प्रौद्योगिकी और शांति स्थापना’ विषय पर खुली बहस की अध्यक्षता करेंगे। संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना प्रयासों में भारत के योगदान को याद करते हुए उन्होंने कहा कि भारत को संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में योगदान को लेकर अपनी दीर्घ और समृद्ध साझेदारी पर गर्व है, जिसमें महिला शांति सैनिकों की भागीदारी भी शामिल है। उन्होंने कहा कि भारत ने पिछले कुछ वर्षों में लगभग 50 मिशनों में 250,000 से अधिक सैनिकों का योगदान दिया है जो कुल मिलाकर किसी भी देश से सबसे बड़ा है। विश्व भर में संरा के शांति अभियान में जान न्योछावर करने वाले कुल 4,089 शांति सैनिकों में से भारत के 179 शांति सैनिक शामिल हैं। उन्होंने कहा कि भारत अपने माह भर की अध्यक्षता के दौरान शांति स्थापना से संबंधित दो विशिष्ट पहलुओं शांति सैनिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने तथा शांति सैनिकों के खिलाफ अपराधों में दोषियों को सजा दिलाने पर ध्यान केंद्रित करेगा।
श्री तिरुमूर्ति ने कहा, “ भारत शांति सैनिकों के लिए नयी तकनीक के इस्तेमाल पर जोर देगा। हमारा मानना है कि प्रौद्योगिकी का समावेश शांति सैनिकों की सुरक्षा और सुरक्षा में सुधार लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। शांति अभियानों में विश्वसनीय और लागत प्रभावी नयी तकनीकों का उपयोग समय की आवश्यकता है।” उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नौ अगस्त को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में समुद्री सुरक्षा पर एक खुली बहस की वस्तुतः अध्यक्षता करेंगे। रिपब्लिक ऑफ कांगो डेमोक्रेटिक के राष्ट्रपति एवं अफ्रीकी संघ के अध्यक्ष फेलिक्स- एंटोनी त्सेसीकेदी त्शिलोम्बो भी अफ्रीका के लिए समुद्री सुरक्षा के महत्व को देखते हुए खुली बहस में भाग लेंगे। खुली बहस का विवरण देते हुए उन्होंने कहा कि सदस्य देशों से कुछ सवालों के जवाब मांगे जायेंगे जैसे कि समुद्री अपराधों को रोकने के लिए क्या किया जा सकता है और सदस्य देश अपनी क्षमताओं को कैसे बढ़ा सकते हैं तथा अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से कार्यान्वयन को कैसे आगे बढ़ाया जाए। उन्होंने बताया कि अगस्त में होने वाली अन्य बैठकों में सीरिया, सोमालिया, यमन और इराक के साथ ही इजरायल-फिलिस्तीनी मुद्दे पर और लेबनान में यूनिफिल – संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बल के मसलों पर चर्चा की जायेगी।