उत्तर प्रदेश में एक नवंबर से शुरू होगा मतदाता सूचियों का पुनरीक्षण अभियान
लखनऊ,
उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर एक नवंबर से मतदाता सूचियों का पुनरीक्षण अभियान शुरु होगा। इस काम के पूरा होने पर अगले साल पांच जनवरी को निर्वाचन नामावली का प्रकाशन किया जायेगा। राज्य निर्वाचन आयोग के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ला ने शनिवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि मतदाता सूची का पुनरीक्षण अभियान एक नवंबर से शुरू होगा। इसके तहत 07, 13, 21 तथा 27 नवंबर को मतदाता सूचियों का निरीक्षण होगा। साथ ही विवाह के बाद जिन महिलाओं के आवासीय पते में बदलाव हो जाता है उनके मतदाता पहचान पत्र में पता बदलने की प्रक्रिया को भी आसान बनाया गया है। उन्होंने बताया कि विवाह के बाद महिलाओं का पता बदल जाने के कारण चुनाव के दौरान उन्हें मतदान के लिए पिता के घर जाना पड़ता है। इस परेशानी ने बचने के लिये विवाहित महिलाओं के नाम संशोधन फार्म में पति को यह लिखकर देना होगा कि अमुक महिला उसकी उनकी पत्नी है। इतने पर ही मतदाता पहचान पत्र में उक्त महिला का नया पता दर्ज हो जाएगा। इसके लिये उसे अन्य कोई दस्तावेज देने की जरूरत नहीं होगी।
उत्तर प्रदेश में अगले साल के शुरु मेें होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों के साथ ही राज्य निर्वाचन आयोग ने भी अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। शुक्ला ने बताया कि राज्य में मतदाता बनने के लिये कोई भी उत्तर प्रदेश का कोई भी निवासी 30 नवंबर तक मतदाता पहचान पत्र बनवा सकते हैं। इसके लिये मोबाइल एप के जरिये या ऑनलाइन आवेदन भी कर सकते हैं। इसमें नये मतदाता का नाम जुड़वाने के साथ किसी भी प्रकार के संशोधन कराने का ऑनलाइन आवेदन करने की भी व्यवस्था है। शुक्ला ने बताया कि आवेदन प्रक्रिया के बाद विभिन्न दावों और आपत्तियों के निस्तारण का काम 20 दिसंबर तक पूरा करने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि चार जनवरी तक निर्वाचन नामावली में नाम जोड़ा जा सकेगा। वहीं पांच जनवरी को निर्वाचक नामावलियों का अंतिम प्रकाशन होगा। शुक्ला ने बताया कि आयोग ने सभी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों की निर्वाचक नामावली का विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण करने का निर्देश दिया है । इसके लिए एक नवंबर से कार्यक्रम शुरू हो रहा है। दावे और आपत्तियां प्राप्त करने की अवधि एक से 30 नवंबर तक रहेगी।