राशन अनाज चाेर माफिया गिरोह के तीन आरोपी गिरफ्तार
नयी दिल्ली ,
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने महाराष्ट्र में राशन अनाजों की चोरी करने वाले माफिया गिरोह के तीन सदस्यों को धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया है। ईडी ने शुक्रवार को बताया कि एजेंसी की नागपुर शाखा ने माफिया गिरोह के तीन आरोपियों सम्पत नामदेव घोरपडे, अरुण नामदेव घोरपडे और विश्वास नामदेव घोरपडे को गत बुधवार को गिरफ्तार किया गया। तीनों आरोपियों को गुरुवार को अदालत में पेश किया गया और आगे की पूछताछ के लिए तीनों को आठ दिनों के ईडी हिरासत में भेज दिया गया। ईडी ने तीनों आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत नासिक पुलिस की ओर से दर्ज प्राथमिकी के आधार पर जांच शुरू की। नासिक स्थित महाराष्ट्र पुलिस के अधिकारियों ने तीनों के खिलाफ महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत आरोप पत्र भी दाखिल कर दिये हैं।
नासिक पुलिस ने आरोप पत्र में आरोप लगाया कि सभी तीनों अभियुक्तों ने एक संगठित अपराध सिंडिकेट का गठन करके सार्वजनिक वितरण प्रणाली से अवैध रूप से लाभ प्राप्त किया और सरकारी कोटा राशन अनाज की कालाबाजारी शुरू कर दी। ईडी के अधिकारियों ने कहा,“जांच के दौरान पता चला कि तीनों आरोपी एक व्यक्ति के रूप में और एक गिरोह के रूप में संयुक्त रूप से गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त थे। इन गैरकानूनी गतिविधियों से एकत्र की गयी राशि करीब 177 करोड़ रुपये थी।” इसके अलावा, संपत उक्त आपराधिक सिंडिकेट या माफिया गिरोह का प्रमुख था और यह संगठित अपराध गिरोह सरकारी कोटा खाद्य अनाज की चोरी में भी शामिल था, जिसे राशन अनाजोें के रूप में भी जाना जाता है और जिसे गरीब तबके के लिए आरक्षित रखा जाता था। उन्होंने कहा कि इन अनाजों को अंत्योदय योजना, आंगनवाड़ी और सार्वजनिक वितरण योजना जैसी योजनाओं में इस्तेमाल किया जाने वाला था।