कीमती उपहार से उपजे विवाद पर रेलवे की सफाई
नयी दिल्ली। रेलवे ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी लेनिनवादी) के सांसद सुदामा प्रसाद को संसदीय स्थायी समिति के दौरे के समय उपहार में सोने का स्मारक सिक्का और चांदी की वस्तु देने को लेकर विवाद पर गुरुवार को स्पष्ट किया कि ये उपहार किसी अपेक्षा के साथ नहीं बल्कि शिष्टाचार की दृष्टि से भेंट किए गए थे। सूत्रों के अनुसार रेलवे के उपक्रमों राइट्स के स्वर्ण जयंती वर्ष के अवसर पर कार्यक्रमों में स्मृति चिह्न के तौर पर विशेष रूप से एक-एक ग्राम सोने के सिक्के बनवा कर सभी कर्मचारियों को बांटे गए थे। संसदीय समिति के सदस्यों का रेलवे के कामकाज का निरीक्षण एक उच्च स्तरीय गरिमामयी कार्यक्रम होता है इसलिए अधिकारियों ने अपने विवेक से वही उपहार सांसदों को भी भेंट किए थे। सूत्रों के अनुसार गत वर्ष नये संसद भवन के लोकार्पण के अवसर पर भी सांसदों को कीमती धातुओं के उपहार दिये गये थे। ये कोई नयी या अपारंपरिक बात नहीं है। सूत्रों ने कहा कि संबंधित सांसद का सादगीपूर्ण आचरण एवं सार्वजनिक जीवन के उच्च मानदंड सराहनीय हैं। पर उन्हें रेलवे की ओर से सही परिप्रेक्ष्य से भी अवगत कराया जाएगा ताकि उनके मन में कोई गलतफहमी न रहे।