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उत्तराखंड में ‘आकांक्षा सुपर 30’ परियोजना का क्रियान्वयन कर रही रेलटेल

नयी दिल्ली,

रेल मंत्रालय के अंतर्गत केंद्र सरकार की पीएसयू ‘रेलटेल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया’ उत्तराखंड के देहरादून में वंचित छात्रों कीसुविधा के लिए ‘रेलटेल-आकांक्षा सुपर 30’ परियोजना का क्रियान्वयन कर रही है। रेलटेल के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक पुनीत चावला ने बताया कि यह कंपनी की ओर से शुरू की गयी कॉर्पोरेशन सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) गतिविधियों में से एक है। रेलटेल इस परियोजना को दिल्ली स्थित एनजीओ ‘सेंटर फॉर सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी एंड लीडरशिप’ (सीएसआरएल) के सहयोग से क्रियान्वित कर रही है। उन्होंने कहा कि रेलटेल सीएसआर पहलों के माध्यम से समाज के प्रति अपने उत्तरदायित्वों को निर्वहन के लिए निष्ठापूर्वक प्रयास करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा , “ हमने सीएसआर को अपनी कॉर्पोरेट रणनीति का एक अभिन्न अंग बनाया है और इसे व्यवस्थित ढ़ंग से क्रियान्वित किया है। सुपर 30 परियोजना के अलावा, कंपनी देश में विभिन्न स्थानों पर मासिक धर्म स्वास्थ्य प्रबंधन, कौशल विकास केंद्र, मिनी साइंस सेंटर, डिजिटल लर्निंग सेंटर आदि जैसी अन्य पहलें भी कर रही है। श्री चावला ने कहा कि 2016 में परियोजना के आरंभ किए जाने के बाद 2021 तक इसकी समग्र सफलता की दर 94 फीसदी रही है जो एक उत्कृष्ट उपलब्धि है। इस अवधि में परियोजना के तहत आईआईटी और विभिन्न अन्य प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कॉलेजों से इंजीनियरिंग कर रहे 167 छात्रों के जीवन में बदलावा सामने आया है। उन्होंने बताया कि वर्तमान 2021-22 का सत्र इस परियोजना का सातवां बैच है। पिछले 2020-21 के सत्र में परिणाम बहुत अच्छे रहे हैं और 30 में से 28 छात्रों ने जेईई परीक्षा उत्तीर्ण की है। इंजीनियरिंग स्नातक की पढ़ायी पूरी करने के बाद, कई छात्रों को एलएंडटी, टीसीएस, आईबीएम, आदि जैसी प्रतिष्ठित कंपनियों में प्लेसमेंट मिली है।


उन्होंने कहा कि ‘आकांक्षा सुपर 30’ परियोजना का उद्देश्य प्रतिभाशाली ,लेकिन वंचित छात्रों को आवासीय कोचिंग, बोर्डिंग और लॉजिंग सुविधा मुहैया कराकर उनकी शैक्षणिक उत्कृष्टता को मजबूत करके उन्हें आईआईटी / जेईई परीक्षाओं के लिए तैयार करके उनके जीवन में परिवर्तन लाना है। इस योजना के अंतर्गत, वंचित छात्रों को लिखित परीक्षा और साक्षात्कार की निष्पक्ष और परिश्रमी प्रक्रिया के माध्यम से उत्तराखंड के विभिन्न जिलों के स्कूलों से चुना जाता है। छात्रों का चयन परीक्षा में अंकों, उनकी वित्तीय स्थिति और सरकार के मानदंडों के अनुपालन के आधार पर किया जाता है। चयनित 30 छात्रों को देहरादून, उत्तराखंड में एक आवासीय परिसर में रखा जाता है और उन्हें निशुल्क रहने का आवास, भोजन, चिकित्सा देखभाल, कोचिंग, मार्गदर्शन आदि उपलब्ध कराए जाते हैं। आवासीय परिसर को संकायों, कर्मचारियों और छात्रों के बीच संयुक्त रुप से एक दूसरे का आदर सत्कार करने, अधिकतम सहयोग, स्वस्थ प्रतिस्पर्धा और टीम के रुप में कार्य करने के ढ़ंग से डिज़ाइन किया गया है। कार्यक्रम की अवधि आम तौर पर 11 महीने या इंजीनियरिंग प्रवेश के लिए अंतिम परीक्षा आयोजित होने तक होती है। रेलटेल सीएमडी ने बताया कि परियोजना की विशिष्ट विशेषताओं में स्मार्ट क्लासरूम, पर्सनलाइज्ड कंप्यूटर लैब, अत्यधिक अनुभवी फैकल्टी सदस्य तथा विशेष रूप से डिजाइन की गयी पैटर्न प्रूफ अध्ययन सामग्री उपलब्ध कराना शामिल है।

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