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सार्वजनिक उपक्रम देश को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनायेंगे: राजनाथ

नयी दिल्ली।  रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विश्वास व्यक्त किया है कि रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रम आधुनिकीकरण और स्वदेशीकरण को बढावा देते हुए देश को आत्मनिर्भर बनायेंगे। श्री सिंह ने मंगलवार को यहां रक्षा मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह बात कही। बैठक में पूर्ववर्ती आयुध निर्माणी बोर्ड के निगमीकरण के बाद बनाए गए सार्वजनिक क्षेत्र के नये उपक्रमों की भूमिका और कार्यों पर विचार-विमर्श किया गया। समिति के सदस्यों को वित्तीय आंकड़ों, आधुनिकीकरण, पूंजीगत व्यय, निर्यात, नए उत्पादों और अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं से अवगत कराया गया। रक्षा मंत्री ने महत्वपूर्ण उत्पादों के स्वदेशीकरण, उत्पादन सुविधाओं के आधुनिकीकरण और एमएसएमई को बढ़ावा देने में नए उपक्रमों के प्रयासों की सराहना की।

उन्होंने कहा कि निगमीकरण के बाद, नए उपक्रमाें ने उत्पादकता और गुणवत्ता में सुधार किया है। उन्होंने कहा कि बहुत कम समय में इन उपक्रमों की बिक्री और लाभ में अच्छी प्रगति हुई है। रक्षा मंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि नए उपक्रम आधुनिकीकरण और स्वदेशीकरण को आगे बढ़ाएंगे तथा विश्व स्तरीय प्रौद्योगिकियों को शामिल करके गुणवत्ता, कारोबार, लाभ और अन्य वित्तीय मापदंडों में नए आयाम स्थापित करेंगे। उन्होंने कहा, “ हमारे नए डीपीएसयू रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में भारत को ‘आत्मनिर्भर’ बनाएंगे। नए उपक्रमाें में मानव संसाधन से संबंधित कुछ मुद्दों पर समिति के कुछ सदस्यों की चिंताओं और सुझावों पर रक्षा मंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया कि निगमीकरण से उत्पन्न सभी मुद्दों का सभी हितधारकों के परामर्श से समाधान किया जा रहा है। उन्होंने सुझावों की सराहना की और कहा कि कार्यान्वयन के लिए इनकी जांच की जाएगी। बैठक में रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल अनिल चौहान, सचिव (रक्षा उत्पादन) संजीव कुमार और रक्षा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।