युवाओं तक सच्चे स्वरूप में पहुंचे इतिहास: मोदी
नयी दिल्ली,
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि यह जरूरी है कि युवाओं तक देश का इतिहास अपनी प्रेरणाओं के साथ और सच्चे स्वरूप में पहुंचे। श्री मोदी ने शुक्रवार को बाबा साहब पुरंदरे की जन्म शताब्दी के अवसर पर उन्हें शुभकामनाएं दी और शिवाजी महाराज के इतिहास को जन जन तक पहुंचाने में उनके योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा, “ मैं आदरणीय बाबा साहेब पुरंदरे जी को जीवन के सौवें वर्ष में प्रवेश के लिए हृदय से शुभकामनाएँ देता हूँ। उनका मार्गदर्शन, उनका आशीर्वाद जैसे अभी तक हम सबको मिलता रहा है, वैसे ही आगे भी लंबे समय तक मिलता रहे, ये मेरी मंगलकामना है। उन्होंने शिवाजी महाराज के जीवन को, उनके इतिहास को जन-जन तक पहुंचाने में जो योगदान दिया है, उसके लिए हम सभी उनके हमेशा ऋणी रहेंगे।”
उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव में देश ने स्वाधीनता सेनानियों की अमर आत्माओं के इतिहास लेखन का अभियान शुरू किया है। बाबा साहेब पुरंदरे यही पुण्य-कार्य दशकों से करते आ रहे हैं। उन्होंने कहा, “ छत्रपति शिवाजी महाराज के बिना भारत के स्वरूप की, भारत के गौरव की कल्पना भी मुश्किल है। जो भूमिका उस कालखंड में छत्रपति शिवाजी की थी, वही भूमिका उनके बाद उनकी प्रेरणाओं ने, उनकी गाथाओं ने निभाई है। शिवाजी महाराज, भारत के इतिहास के शिखर-पुरुष तो हैं ही, बल्कि भारत का वर्तमान भूगोल भी उनकी अमर गाथा से प्रभावित है। ये हमारे अतीत का, हमारे वर्तमान का, और हमारे भविष्य का एक बहुत बड़ा प्रश्न है, कि अगर शिवाजी महाराज न होते तो क्या होता। ”
उन्होंने कहा कि शिवाजी महाराज का ‘हिंदवी स्वराज’ सुशासन का, पिछड़ों-वंचितों के प्रति न्याय का और अत्याचार के खिलाफ हुंकार का अप्रतिम उदाहरण है। वीर शिवाजी का प्रबंधन, देश की समुद्रिक शक्ति का इस्तेमाल, नौसेना की उपयोगिता और जल प्रबंधन जैसे विषय आज भी अनुकरणीय हैं। ” प्रधानमंत्री ने कहा, “बाबा साहेब ने हमेशा सुनिश्चित करने का प्रयास किया कि युवाओं तक इतिहास अपनी प्रेरणाओं के साथ पहुंचे, साथ ही अपने सच्चे स्वरूप में भी पहुंचे। इसी संतुलन की आज देश के इतिहास को आवश्यकता है।
उनकी श्रद्धा और उनके भीतर के साहित्यकार ने कभी भी उनके इतिहासबोध को प्रभावित नहीं किया। ”