पाकिस्तान में पीपीपी ने सरकार से अलग होने के दिए संकेत
कराची। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष एवं विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो-जरदारी ने कहा है कि अगर केंद्र सिंध के बाढ़ पीड़ितों को राहत देने के अपने वादे को पूरा नहीं करती है तो उनकी पार्टी के लिए संघीय सरकार का हिस्सा बने रहना बहुत मुश्किल होगा। इस दौरान श्री भुट्टो-जरदारी ने डिजिटल जनगणना के संचालन के तरीके पर भी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि यह अस्वीकार्य है कि एक प्रांत में चुनाव एक अलग जनगणना के आधार पर होते हैं और अन्य प्रांतीय चुनाव एक ‘त्रुटिपूर्ण’ डिजिटल जनगणना के आधार पर होते हैं। पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने ये बातें रविवार को यहां ‘सब्सिडी प्रोग्रामः गेहूं बीज की प्रतिपूर्ति’ के उद्घाटन के बाद अपने संबोधन में कहीं। उन्होंने इस कार्यक्रम के तहतप्रांतीय बजट से बेनजीर आय सहायता कार्यक्रम (बीआईएसपी ) को 8.39 अरब रुपये हस्तांतरित किए, जो कि 12 एकड़ तक कृषि भूमि के प्रत्येक छोटे उत्पादक को 5,000 रुपये प्रति एकड़ के वितरण के लिए था।
चूंकि सब्सिडी कार्यक्रम के माध्यम से बाढ़ प्रभावित किसानों को राहत प्रदान करने के लिए 13.5 बिलियन रुपये की आवश्यकता थी, इसलिए यह निर्णय लिया गया कि संघीय सरकार 4.7 बिलियन रुपये का अनुदान देगी और शेष 8.39 बिलियन रुपये सिंध सरकार द्वारा प्रदान किए जाएंगे, उन्होंने कहा, केंद्र की पीडीएम के नेतृत्व वाली सरकार को उसके वादे की याद दिलाते हुए। उन्होंने कहा, “हम इस मुद्दे को नेशनल असेंबली में उठाएंगे। उन्होंने कहा कि वह बाढ़ पीड़ितों से किए गए वादों को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री से भी बात करेंगे अन्यथा पीपीपी के लिए संघीय सरकार का हिस्सा बनना बहुत मुश्किल होगा।