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दिल्ली में 25 प्रतिशत कम हुआ पीएम-2.5 : गोपाल राय

नयी दिल्ली, 

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सीएसई की रिपोर्ट का हवाले से कहा कि 2018-20 के बीच पीएम-2.5 का स्तर दिल्ली में 25 प्रतिशत कम हुआ है। श्री राय ने मंगलवार को पत्रकारों बताया कि अंतरराष्ट्रीय संगठन आईक्यू एयर डॉट कॉम स्वीडन और सेंटर फॉर साइंस एनवायरमेंट (सीएसई) ने प्रदूषण को लेकर रिपोर्ट जारी की है। आईक्यू एयर डॉट कॉम की रिपोर्ट दुनिया और भारत के अलग-अलग शहरों में पीएम 2.5 और पीएम 10 का स्तर बताती है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत के अंदर दिल्ली प्रदूषण के मामले में पहले नंबर एक या नंबर दो पर हुआ करता था। दिल्ली आज अपने प्रदूषण को कम करते हुए 10वें नंबर पर पहुंच चुका है। उसके ऊपर गाजियाबाद, बुलंदशहर, बिसरख, भिवानी, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, कानपुर, लखनऊ आदि शहर हैं। दिल्ली को खासतौर से पीएम-2.5 को कम करने में सफलता मिली है। रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में लगभग 15 फीसदी प्रदूषण कम हुआ है। उन्होंने कहा कि सीएसई की रिपोर्ट में दिल्ली को लेकर दो बार आंकड़े लिए गए हैं। सीएसई ने 2015 से 17 के बीच और अभी 2018 से 20 के बीच में अध्ययन किया है। रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में पीएम-2.5 का स्तर 25 फीसदी से ज्यादा कम हुआ है। यह रिपोर्ट मुख्यतौर पर 5 बिंदुओं को प्रमुखता से प्रदर्शित करती है। यह कार्य मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार ने किए हैं। रिपोर्ट में पहला बिंदु है कि दिल्ली पहला राज्य है, जिसने प्रदूषण पैदा करने वाले अपने पावर प्लांट बंद कर दिए हैं, जबकि दिल्ली के आसपास सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद 12 प्रदूषणकारी संयंत्र चल रहे हैं और वे आज तक बंद नहीं किए गए हैं। इसके अलावा, पिछले 6 महीने से मैं खुद भी केंद्र सरकार और राज्य सरकार को लगातार लिख रहा हूं, लेकिन उनके कान में जूं तक नहीं रेंग रही है। दिल्ली के बाहर स्थित संयंत्र लगातार प्रदूषण पैदा कर रहे हैं।

दिल्ली में 25 प्रतिशत कम हुआ पीएम-2.5 : गोपाल राय
श्री राय ने कहा कि दूसरा बिंदु यह कि दिल्ली पहला ऐसा राज्य है, जिसने दिल्ली के अंदर 13 हॉट स्पॉट चिन्हित किए हैं। जहां पर माइक्रो स्तर पर प्रदूषण को रोकने के लिए प्रबंधन होता है। उसकी नियमित निगरानी होती है। इसके जरिए प्रदूषण के कारणों को पता लगाया जाता है। जिसका असर यह है कि दिल्ली में 25 फीसदी प्रदूषण को कम करने में सफल हुए हैं। तीसरा बिंदु है कि दिल्ली पहला राज्य है जिसने अपने उद्योगों को पीएनजी गैस का सब्सिडी रेट पर कनेक्शन दिया है। दिल्ली आज पहला राज्य बन गया है, जहां 100 फीसदी उद्योग पीएनजी पर आधारित हैं। पेटकोक, कोयला सहित प्रदूषणकारी ईंधन का उद्योगों में इस्तेमाल बंद कर दिया गया। इसका भी असर दिल्ली की वायु गुणवत्ता को बेहतर करने में पड़ा है। चौथा बिंदु है कि देश का दिल्ली पहला राज्य है, जहां 39 एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग सिस्टम लगे हैं। जहां पर हम नियमित रूप से वायु गुणवत्ता की निगरानी करते हैं। उसके आधार पर हम कार्य योजना बनाते हैं, लेकिन देश के अंदर उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा जैसे कई राज्य हैं, जहां मॉनिटरिंग सिस्टम ठीक से स्थापित नहीं हुए हैं। जिससे समस्या का पता नहीं चल पाता है। सीएसई की रिपोर्ट में सरकार की दिल्ली ईवी नीति को लेकर तारीफ की गई है। दिल्ली पहला ऐसा राज्य है, जो ईवी पॉलिसी लेकर आया है। दिल्ली के अंदर धीरे-धीरे हम इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए आगे बढ़ रहे हैं। जिससे वाहन प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार पर्यावरण को लेकर एंटी-पॉल्यूशन अभियान के जरिए काफी सख्त तरीके से काम कर रही है। दिल्ली में 24 घंटे बिजली की आपूर्ति का भी प्रदूषण पर असर पड़ा है। दिल्ली के अंदर पहले 6 से 8 घंटे तक बिजली की कटौती होती थी। पूरी दिल्ली के अंदर उद्योग-व्यापार के लिए डीजल जेनसेट चलते थे। दिल्ली में आज 24 घंटे बिजली आपूर्ति की वजह से डीजल जेनसेट पर लगाम लगी है। इमरेंजसी सेवाओं को छोड़कर डीजल जेनसेट पर प्रतिबंध है। जिससे दिल्ली के प्रदूषण में कमी आई है। इसके अलावा दिल्ली देश का पहला राज्य है, जहां पर प्रदूषण को कम करने के लिए वार रूम स्थापित किया गया है। देश के अंदर ऐसा कोई भी राज्य नहीं है, जहां पर प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए वार रूम स्थापित किया गया है।

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