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प्रधानमंत्री ने गुजरात की तीन परियोजनाओं का किया ई-लोकार्पण

गांधीनगर, 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने गृह राज्य गुजरात में स्वास्थ्य, कृषि ऊर्जा और पर्यटन सम्बंधी तीन परियोजनाओं का नई दिल्ली से ई-लोकार्पण किया। इनमें 470 करोड़ रुपए की लागत से अहमदाबाद के यूएन मेहता हॉस्पिटल में 850 बिस्तरों वाले बालकों के हृदय रोग के अद्यतन उपचार सुविधा का नया हॉस्पिटल, जूनागढ़ के तीर्थ स्थल गिरनार में एशिया का सबसे बड़ा रोप-वे और किसानों को दिन में बिजली आपूर्ति करने की ‘किसान सूर्योदय योजना’ शामिल है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री विजय रूपाणी जूनागढ़ से जबकि उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल अहमदाबाद स्थित यूएन मेहता हॉस्पिटल से कार्यक्रम में जुड़े।

प्रधानमंत्री मोदी का गुजरात को तोहफा, किसान सर्वोदय योजना, रोप-वे और  अस्पताल का शुभारंभ किया | Perform India

प्रधानमंत्री ने अपने सम्बोधन में कहा कि ‘सुजलाम सुफलाम’ और ‘सौनी’ योजना के बाद ‘किसान सूर्योदय योजना’ राज्य के विकास में मील का पत्थर साबित होगी। सौर ऊर्जा के क्षेत्र में गुजरात दुनिया में अग्रणी रहा है। गुजरात के किसानों को एक समय सिंचाई के लिए केवल रात को ही बिजली मिलती थी और उस हालात में किसानों को अनेक प्रकार की
परेशानियों का सामना करना पड़ता था। जूनागढ़ सहित सौराष्ट्र में रात को जंगली जानवरों की समस्या से भी जूझना पड़ता था। अब ‘किसान सूर्योदय योजना’ के अंतर्गत दिन में बिजली मिलने से किसानों को दिन में काम करने की सहूलियत रहेगी। इस योजना के अंतर्गत आगामी दो-तीन वर्ष में 3,500 किलोमीटर की सर्किट ट्रांसमिशन लाइन बिछाई जाएगी जिसके कारण पहले चरण में 1000 से अधिक गांवों को इस योजना का लाभ मिलेगा। योजना के पूर्ण होने पर लाखों किसानों की जिंदगी में बड़ा बदलाव आएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बदलते समय के साथ किसानों की आय दोगुनी करने के लिए योजनागत प्रयास बढ़ाने ही होंगे। राज्य के स्वास्थ्य क्षेत्र का उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि आज शुरू हुआ बालकों के हृदय रोग का हॉस्पिटल राज्य के अलावा देश के अनेक मरीजों के लिए लाभदायी साबित होगा। प्रधानमंत्री ने जूनागढ़ और गिरनार को देश के अनेक श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र करार दिया। हजारों श्रद्धालु सीढ़ियां चढ़कर गिरनार के शिखर पर पहुंचते रहे हैं पर अब 6-7 घंटे की चढ़ाई के बजाय रोप-वे के माध्यम से सात से आठ मिनट में ही शिखर पर पहुंचना संभव होगा। अंबाजी, पावागढ़ और सतपुड़ा के बाद राज्य का यह चौथा रोप-वे है। रोप-वे के माध्यम से सुविधा के साथ स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।

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