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खेल अधिकारी और कोच कागज़ी कार्यवाही छोड़ खेल मैदानों में आएं : परगट सिंह

चंडीगढ़, 

पंजाब के खेल एवं युवा मामलों के मंत्री परगट सिंह ने खेल अधिकारियों और कोचों से कहा है कि कागज़ी कार्यवाही छोड़ कर खेल से सम्बन्धित गतिविधियां प्रैक्टिकल तौर पर ग्राउंड में नज़र आनी चाहिये। उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों के लिए खेल का समान और किटों का वितरण तुरंत किया जाये। यदि खिलाड़ियों को सामान वितरित न किया गया तो उस जिले के खेल अधिकारी के खि़लाफ़ सख़्त कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने खेल अधिकारियों और कोचों को दफ़्तरी कमरों में से निकल कर खेल मैदानों में खेल के लिए सजग माहौल बनाने के लिए कहा क्योंकि वास्तविक ड्यूटी उनकी ग्राउंड में है। गाँवों में बंद पड़े यूथ क्लबों को फिर सक्रिय किया जाये। इसी तरह खेल विभाग कोचों, युवा सेवाएं विभाग के अधिकारियों और स्कूल शिक्षा और उच्च शिक्षा विभागों के शारीरिक शिक्षा अध्यापकों और लैक्चररों को आपसी तालमेल बना कर मिलकर काम के लिए प्रेरित किया है जिससे राज्य की नौजवानी को खेल मैदानों के साथ जोड़ा जा सके।


परगट ने ये निर्देश आज यहाँ दोनों विभागों के उच्च अधिकारियों को साथ बुलायी खेल विभाग के अधिकारियों, ज़िला खेल अधिकारियों और युवा सेवाएं विभाग के डिप्टी डायरेक्टरों और जिलों के सहायक डायरैक्टरों की बैठक में दिए।खेल मंत्री और हॉकी ओलम्पियन ने कहा कि अकसर देखने को मिलता है कि खिलाड़ियों को बांटा जाने वाला खेल सामान और किटें अवितरित ही स्टोरों में पड़ी रहती हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी और दोषी पाये जाने वालों के खि़लाफ़ सख़्त कार्यवाही होगी। स्टोरों में कंडम हुए सामान को ढंग के अनुसार बाहर निकाला जाये। उन्होंने सभी ज़िला खेल अधिकारियों से विंगों, खेल सैंटरों, कोचों की तैनाती और खिलाड़ियों की संख्या के विवरण भी बारी-बारी लेते हुये आदेश दिए कि जिस जगह कोच अपेक्षित हो, वहां उसकी तैनाती की जाये और कोई भी सैंटर बंद नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी समय भी किसी भी सैंटर की चैकिंग कर सकते हैं और सैंटर बंद पाये जाने की सूरत में सम्बन्धित खेल अधिकारी के खि़लाफ़ कार्यवाही होगी। उन्होंने कहा कि दोनों विभाग राज्य के नौजवानों के साथ सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं और इन विभागों के कामकाज में फुर्ती लाने की ज़रूरत है। इसके अलावा कोरोना के कारण बंद हुई गतिविधियों फिर से शुरू किये जाने पर हर ज़िला अपने खेल कैलेंडर बना कर टूर्नामैंट करवाए। खेल गतिविधियां भी तीन स्तरीय शुरू की जाएँ। सभी नौजवानों के सम्मिलन वाले खेल, खिलाड़ियों के लिए विशेषीकृत और उच्च कोटि के खिलाड़ियों के लिए उच्च विशेषकृत ट्रेनिंग का प्रबंध किया जाये। इस मौके पर उन्होंने पंजाब इंस्टीट्यूट आफ स्पोर्टस (पी.आई.एस.) के कामकाज कार्यशील बनाने पर भी ज़ोर दिया।

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