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भारत के पूर्णकालिक कप्तान बन सकते हैं पांड्या : शास्त्री

नयी दिल्ली।  भारतीय पुरुष टीम के पूर्व कोच रवि शास्त्री नेे शुक्रवार को कहा कि अगर भारतीय चयनकर्ता और टीम प्रबंधन हार्दिक पांड्या को पूर्णकालिक कप्तान बनाने की संभावनाओं पर विचार करें तो इसमें कोई हर्ज नहीं। शास्त्री ने वेलिंगटन में भारत और न्यूजीलैंड के बीच होने वाले पहले टी20 मुकाबले से पूर्व कहा, “ टी20 क्रिकेट में नया कप्तान बनाने में कोई हर्ज नहीं। क्रिकेट इतना ज्यादा खेला जा रहा है कि एक खिलाड़ी के लिये तीनों प्रारूप खेलना आसान नहीं होगा। अगर रोहित टेस्ट और एकदिवसीय टीम की कमान संभाल रहे हैं, तो टी20 टीम को नया कप्तान देने में कोई हर्ज नहीं, और अगर उसका नाम हार्दिक पांड्या है, तो यही सही। भारतीय टीम इस समय रोहित शर्मा, विराट कोहली और लोकेश राहुल जैसे वरिष्ठ खिलाड़ियों की गैर-मौजूदगी में न्यूजीलैंड के खिलाफ तीन मैचों की टी20 शृंखला खेल रही है, जबकि पांड्या को टीम की कप्तानी सौंपी गयी है। पांड्या तीसरी बार भारत का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने पहली बार टी20 अंतरराष्ट्रीय में भारत की कप्तानी आयरलैंड के खिलाफ खेली गयी दो मैचों की टी20 सीरीज में की थी। पांड्या ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 2022 सीजन में नयी टीम गुजरात टाइटन्स की कप्तानी करते हुए खिताब जीता था। शास्त्री का मानना है कि पांड्या जैसे युवा और आत्मविश्वास से भरे कप्तान का होना इस प्रारूप में भारत के लिये कारगर साबित होगा। उल्लेखनीय है कि राहुल द्रविड़ की अनुपस्थिति में न्यूजीलैंड दौरे पर भारत के कोच की भूमिका निभा रहे वीवीएस लक्ष्मण ने हाल ही में मीडिया से कहा था कि टीम को खेल के सबसे छोटे प्रारूप में सफलता हासिल करने के लिये ‘विशेषज्ञ’ खिलाड़ियों को चुनना होगा, भले ही इसके लिये वरिष्ठ खिलाड़ियों को टीम से बाहर रखना पड़े।

शास्त्री ने लक्ष्मण की बात से सहमति जताया और कहा,“ मेरे खयाल से यही सही रास्ता है। मेरा मानना है कि वीवीएस सही कह रहे हैं। उन्हें विशेषज्ञ खिलाड़ियों को पहचानना होगा। आगे बढ़ते हुए टीम का यही मंत्र होना चाहिए। भारत को एक बेहतरीन फील्डिंग टीम बनाओ और उन युवाओं को विशेष भूमिकाएं दो, जो निडर होकर बिना किसी दबाव के आक्रामक क्रिकेट खेल सकें। शास्त्री ने यह भी कहा कि भारत को खेल के सबसे छोटे प्रारूप में सफल होने के लिये इंग्लैंड के सीमित ओवर क्रिकेट नुस्खे को अपनाना होगा। शास्त्री ने कहा, “ इस टीम के पास भविष्य में खिलाड़ियों को भूमिकाएं देेने, मैच जिताऊ खिलाड़ी ढूंढने और इंग्लैंड के नक्श-ए-कदम पर चलने का अवसर है। वह एक ऐसी टीम हैं जिन्होंने 2015 विश्व कप के बाद समस्या की जड़ को पहचान लिया है। उन्होंने एक प्रारूप के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों को पहचाना है, चाहे वह टी20 क्रिकेट हो या 50 ओवर क्रिकेट। उन्होंने कहा, “ अगर इसके बाद कुछ खिलाड़ियों को बाहर भी बैठना पड़ा, तो ऐसा ही हुआ। वह निडर युवाओं को टीम में लेकर आये, जो अपने स्वाभाविक खेल में ज्यादा बदलाव किये बिना प्रारूप की आवश्यकताओं में ढल सके। यह एक ऐसा तरीका है जिसका अनुसरण आसानी से किया जा सकता है। भारत के पास संसाधनों का खजाना है। मुझे लगता है कि यह इसी दौरे से शुरू हो सकता है। शास्त्री ने उमरान मलिक का भी समर्थन किया। शास्त्री का मानना है कि उमरान आगे चलकर भारतीय क्रिकेट के लिए बहुमूल्य साबित होने वाले हैं। उमरान ने आयरलैंड के खिलाफ टी20 शृंखला में अपना अंतरराष्ट्रीय पदार्पण किया था और वह न्यूजीलैंड के इस दौरे पर एक बार फिर चयनकर्ताओं को प्रभावित करने की कोशिश करेंगे। शास्त्री ने कहा, “ वह भारत के सबसे तेज गेंदबाजों में से एक है। आपने देखा कि विश्व कप में क्या हुआ था, जहां वास्तविक गति ने विपक्ष को परेशान कर दिया था, चाहे वह हारिस रऊफ, नसीम शाह या आनरिक नॉर्खिया हों। तेज गेंदबाजी का कोई विकल्प नहीं है, भले ही आप छोटे लक्ष्य का बचाव कर रहे हैं। यह उमरान के लिए एक अवसर है। उम्मीद है कि वह इस प्रदर्शन से सीखेंगे।

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