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एनटीपीसी के पास 2,404 मेगावाॅट की नवीकरण ऊर्जा संबंधी परियोजनाएँ

नयी दिल्ली, 

देश की सबसे बड़ी विद्युत उत्पादक कंपनी राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम (एनटीपीसी) के पास वर्तमान में 2,404 मेगावाॅट की नवीकरण ऊर्जा संबंधी परियोजनाएँ हैं, जिनमें से 237 मेगावाॅट इसके मौजूदा स्टेशनों पर बने जलाशयों में फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट्स से आती है। इसके अलावा नाॅन-पीपीए मोड के तहत स्थापित किया जा रहा रामागुंडम 100 मेगावाॅट फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट देश में सबसे बड़ा प्रोजेक्ट है। एनटीपीसी ने अपनी स्थापना के 45 वर्ष पूरे होने की पूर्व संध्या पर राष्ट्र निर्माण और देश को निरंतर विद्युत प्रदान करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है। एनटीपीसी की स्थापना सात नवंबर, 1975 को हुई थी और तब से इसने देश के कोने-कोने को प्रकाशमान करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। अब एनटीपीसी अपार अवसरों के साथ देश में विद्युत क्षेत्र में विकास और परिवर्तन के अगले चरण को पूरा करने के लिए पूरी तरह तैयार है।

Total 23 units of 4290 MW capacity closed - 4290 मेगावाट क्षमता की कुल 23  इकाइयां बंद

एनटीपीसी के प्रवक्ता ने बताया कि दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं को प्रभावित करने वाली महामारी कोविड-19 के कारण उपजे हालात को देखते हुए कंपनी ने अपने स्थापना दिवस से संबंधित कार्यक्रम दो गज की दूरी और ऑनलाइन प्लेटफार्म के माध्यम से मनाने का निर्णय किया है। इस बार का स्थापना दिवस इसलिए भी खास बन जाता है, क्योंकि एनटीपीसी के समस्त कर्मचारियों ने राष्ट्र को निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए इस साल की शुरुआत में लॉकडाउन चरण के दौरान 24 घंटे काम किया। देश में विद्युत क्षेत्र में एनटीपीसी ने पिछले 45 वर्षों से ध्वजवाहक की भूमिका निभाई है। वर्तमान में 62 गीगावाॅट की अपनी विद्युत उत्पादन क्षमता के साथ एनटीपीसी की योजना वर्ष 2032 तक अपनी क्षमता को 130 गीगावाॅट तक पहुंचाने की योजना है। नवीकरण ऊर्जा की दिशा में वैश्विक रुझान के अनुरूप, जो ऊर्जा का एक स्वच्छ स्रोत है, एनटीपीसी की योजना है कि नवीकरण ऊर्जा की अपनी क्षमता को 32,000 मेगावाॅट तक पहुंचाया जा सके या अगले दशक की शुरुआत में अपने कुल विद्युत पोर्टफोलियो का 25 प्रतिशत हिस्सा नवीकरण ऊर्जा से हासिल किया जा सके। प्रवक्ता के मुताबिक पर्यावरण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के रूप में एनटीपीसी ने इस क्षेत्र में अनेक नए कदम उठाए हैं। फसलों के अवशेषों को जलाने की प्रवृत्ति को हतोत्साहित करने के लिए एनटीपीसी विद्युत उत्पादन के लिए कृषि अवशेषों का उपयोग करने की दिशा में भी काम कर रहा है। एनटीपीसी ने बायलर में कोयले के साथ-साथ बायोमास छर्रों की को-फायरिंग का बीड़ा भी उठाया है। एनटीपीसी ने कोयला, गैस, हाइड्रो, सौर और पवन ऊर्जा के क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज की है और कंपनी ने बायोमास, वेस्ट-टू-एनर्जी, मोबिलिटी में भी उद्यम किया है और अब कंपनी ने कैप्टिव इंडस्ट्री की तलाश शुरू कर दी है। राष्ट्रीय विकास की प्राथमिकताओं और वैश्विक परिवर्तन के संदर्भ में एनटीपीसी ने अपनी विकास यात्रा को जारी रखने का संकल्प दोहराया है।

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