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एनएसडीसी 50 नये फ्यूचर स्किल सेंटर और 10 इंटरनेशनल एकेडमी स्थापित करेगा

नयी दिल्ली।  राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) देश भर में कौशल विस्तार की योजना के तहत कौशल विकास और प्रशिक्षण कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने के लिये 50 नये फ्यूचर स्किल्स सेंटर और 10 एनएसडीसी इंटरनेशनल एकेडमी स्थापित करेगा। एनएसडीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं एनएसडीसी इंटरनेशनल के प्रबंध निदेशक वेद मणि तिवारी ने गुरुवार को यहां वार्षिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में डोमेस्टिक और ग्लोबल जॉब मार्केट के लिये भारतीय युवाओं को स्किल और अपस्किल करने के लिये अपना रोडमैप साझा किया। उन्होंने कहा, ‘उद्योग-संरेखित कार्यक्रमों की संख्या 300 से अधिक हो जायेगी, जिसमें 12 प्रमुख उभरती टेक्नोलॉजी शामिल होंगी। इसका लक्ष्य दो लाख से अधिक उम्मीदवारों को प्रशिक्षित करना और 2.70 लाख वर्ग फुट से अधिक प्रशिक्षण अवसंरचनायें स्थापित करना है ताकि रोजगार क्षमता और वर्कफोर्स की तत्परता को और मजबूत किया जा सके।’

उन्होंने कहा कि उद्योग से जुड़े कार्यक्रमों का उद्देश्य, शिक्षा को उभरती टेक्नोलॉजी और उद्योग की जरूरतों के साथ जोड़कर थियोरेटिकल नॉलेज और प्रैक्टिकल स्किल्स के बीच की खाई को पाटना है। अब तक, 33 ग्लोबल कॉर्पोरेशन ने भागीदारी की है, और उच्च शिक्षा संस्थानों (एचईआई) में 21 फ्यूचर स्किल सेन्टर स्थापित किये गये हैं। उन्होंने कहा कि नौ प्रमुख उभरती टेक्नोलॉजी को कवर करते हुये 200 से अधिक उद्योग-संरेखित कार्यक्रमों का कार्पोरेशन द्वारा मूल्यांकन और प्रमाणन किया गया है। 27,000 से अधिक उम्मीदवारों को ट्रेनिंग दी गयी है, जिसमें 1.20 लाख वर्ग फुट से अधिक ट्रेनिंग स्पेस विकसित किया गया है।

श्री तिवारी ने बताया कि एनएसडीसी का लक्ष्य राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों के साथ सहयोग के माध्यम से उभरती टेक्नोलॉजी में चुनौतियों का समाधान करके टियर 2 और 3 कॉलेजों के विद्यार्थियों के लिये गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुलभ बनाना है। अब तक, 11 प्रीमियम संस्थानों ने 17 माइक्रो-क्रेडेंशियल प्रोग्राम शुरू करने के लिए भागीदारी की है, जिसमें 75,000 से अधिक क्रेडिट प्रदान किये गये हैं और 5,000 से अधिक उम्मीदवारों को ट्रेनिंग दी गयी है।

उन्होंने कहा कि भविष्य को देखते हुये, एनएसडीसी ने 15 प्रीमियम संस्थानों के साथ सहयोग करने, 30 से अधिक माइक्रो-क्रेडेंशियल प्रोग्राम शुरू करने और लगभग 1,80,000 क्रेडिट प्रदान करने की योजना बनायी है, जिससे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और कौशल विकास तक पहुंच और बढ़ेगी। छात्रों को एयरोस्पेस, ऑटोमोटिव, माइनिंग और इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसे प्रमुख उद्योग क्षेत्रों में उभरती टेक्नोलॉजी में विशेष प्रशिक्षण प्राप्त होगा। ओईएम के टूल्स और करिकुलम को स्ट्रक्चर्ड गाइडेड पाथवेज़ में इंटीग्रेट किया जायेगा, जो विभिन्न प्रोफिशिएन्सी लेवल को सपोर्ट करेगा और विभिन्न डोमेन में जॉब के अवसरों को आगे बढ़ायेगा।

श्री तिवारी ने कहा, ‘जॉब-एज-स्किल्स मॉडल के हिस्से के रूप में 10 लाख विद्यार्थियों को शामिल करने, अग्रणी ओईएम के साथ समझौता ज्ञापन करने, ट्रेनिंग पार्टनर्स को लाने, इन्डस्ट्री स्पेसिफिक टूल्स का चयन करने, कैरियर प्रोग्रेशन पाथवेज़ डिजाइन करने, एनएसडीसी और ओईएम के साथ ज्वाइन्ट सर्टिफिकेशन को लागू करने और चरणबद्ध तरीके से नये इन्डस्ट्री वर्टिकल शुरू करने की योजना है।’

उन्होंने इंटरनेशनल मोबिलिटी के बारे कहा कि संस्थान नये इंटरनेशनल लैन्गुएज लैब्स और असेसमेन्ट सेन्टर स्थापित करने की दिशा में काम कर रहा है, जो उम्मीदवारों को बहुभाषी क्षमताओं से लैस करने और उनकी ग्लोबल रोजगार क्षमता को बढ़ाने के लिये रशियन, इटैलिय़न, कोरियन और फ्रेंच में ट्रेनिंग प्रदान करेगा। उन्होंने कहा, ‘इज़रायल ने 5000 हेल्थकेयर वर्कर्स का अनुरोध किया है।’

श्री तिवारी ने डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के बारे में कहा कि देश के दूरदराज के इलाकों में रहने वाले युवा स्किल इंडिया डिजिटल हब (सिद्ध) के माध्यम से खुद को स्किलिंग और अपस्किलिंग प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने एनएसडीसी जॉबएक्स के बारे में कहा कि यह एक एडवांस्ड जॉब प्लेटफॉर्म है, जो हाइरिंग को सरल बनाकर और रिज्यूम बिल्डिंग, करियर कोचिंग और जॉब अलर्ट जैसी प्रीमियम सेवायें प्रदान करके नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों और सेवायोजकों को जोड़ता है।