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युद्धबंदियों की पाक से रिहाई पर केंद्र सरकार को नोटिस

नई दिल्ली, 

उच्चतम न्यायालय ने भारत के युद्ध बंदियों की पाकिस्तान से रिहाई सुनिश्चित करने के लिए एक मजबूत तंत्र विकसित करने की मांग वाली याचिका पर बुधवार को केंद्र सरकार और अन्य को नोटिस जारी किया। न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति सूर्य कांत की पीठ ने पाकिस्तान में युद्धबंदी मेजर कंवलजीत सिंह की पत्नी जसबीर कौर और भारतीय सेना के सेवानिवृत्त सैनिक वीर बहादुर सिंह की जनहित याचिका पर संबंधित पक्षों को जवाब तलब किया। सिंह वॉयस ऑफ एक्स-सर्विसमैन सोसाइटी के महासचिव हैं। याचिका में कहा गया है कि कौर के पति 1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद से पाकिस्तान द्वारा हिरासत में लिए गए 54 ज्ञात युद्धबंदियों में शामिल हैं। पीठ ने नोटिस जारी करते हुए कहा कि याचिका में एक महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया गया है। इसमे विदेश मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय और सेना प्रमुख से इस मामले में पक्षकार बनाने के लिए जवाब मांगा है।


अधिवक्ता नमित सक्सेना के माध्यम से दायर याचिका में सभी प्रतिवादियों को उचित न्यायिक उपायों के साथ पाकिस्तान के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) का दरवाजा खटखटाने का निर्देश देने की गुहार लगाई गई है। याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि केंद्र सरकार और विशेष रूप से भारतीय सेना ने जिनेवा कन्वेंशन के प्रावधानों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए अब तक मजबूत तंत्र की स्थापना के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। याचिका में कहा गया है,“ 23 दिसंबर 2011 को गुजरात उच्च न्यायालय के फैसले में वर्णित 54 युद्धबंदी लगभग 50 वर्षों से दयनीय जीवन जी रहे हैं।