धोखाधड़ी मामले में जांच अधिकारी के खिलाफ गैर जमानती वारंट
नयी दिल्ली,
राष्ट्रीय राजधानी की एक अदालत ने आवासीय परियोजना में फ्लैट बुकिंग से संबंधित कथित धोखाधड़ी की जांच से संबंधित कार्यवाही रिपोर्ट नहीं पेश करने पर जांच अधिकारी के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है। कड़कड़डूमा स्थित एसीएमएम पंकज अरोड़ा की अदालत ने 03 फरवरी को राजधानी के प्रीत विहार थाने के संबंधित जांच अधिकारी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया। अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई 28 फरवरी को मुकर्रर की है। फ्लैट खरीदारों के एक समूह ने फ्लैट निर्माता कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के खिलाफ 2018 में धोखाधड़ी की शिकायत की थी। आरोप है कि बिल्डर ने निर्धारित समय पर फ्लैट निर्माण का कार्य पूरा नहीं किया और खरीदारों को वादे के मुताबिक फ्लैट नहीं दिए गए।
अदालत ने पिछली सुनवाई के दौरान इस मामले में दर्ज प्राथमिकी के संबंध में की कार्यवाही रिपोर्ट 03 फरवरी तक पेश करने को कहा था लेकिन उस दिन जांच अधिकारी ही पेश नहीं हुआ। कार्यवाही रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं किए जाने से नाराज अदालत ने गैर जमानती वारंट जारी किया। बताया जाता है कि फ्लैट खरीदारों में अधिकांश सरकारी कर्मचारी हैं, जिन्होंने 2010-11 में फ्लैट बुक किए थे। खरीदारों ने अदालत को बताया है कि उन्हें अब तक उनके फ्लैट का कब्जा नहीं दिया गया है। खरीदारों द्वारा 2018 में बिल्डरों के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत की थी। इस मामले में पुलिस द्वारा कथित तौर पर कोई कार्रवाई नहीं की गई जिसके बाद शिकायतकर्ताओं ने 2020 में अदालत का दरवाजा खटखटाया।