केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, सिविल सेवा परीक्षा में अतिरिक्त मौका संभव नहीं
नयी दिल्ली,
केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय से कहा है कि इस साल जनवरी में हुई सिविल सेवा (मुख्य) परीक्षा में कोविड-19 के कारण शामिल नहीं हो पाने वाले अभ्यार्थियों को अतिरिक्त प्रयास करने की अनुमति देना संभव नहीं है। केंद्र सरकार के कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने शीर्ष अदालत में अपने लिखित जबाव में कहा कि इस मामले पर विचार किया गया है। सिविल सेवा परीक्षा की प्रक्रिया के संबंध में प्रयासों की संख्या और आयु-सीमा के मौजूदा प्रावधानों को बदलना संभव नहीं है। सरकार ने यह भी आशंका जताई कि परीक्षा के लिए अतिरिक्त मौका दिए जाने से देशभर में अन्य परीक्षाओं के लिए भी इसी तरह की मांग की जा सकती है। विभाग ने यह भी कहा कि इस परीक्षा के लिए छूट देने से मौजूदा परीक्षा के पात्र उम्मीदवारों के चयनित होने की संभावनाएं प्रभावित होंगी।
केंद्र ने उच्चतम न्यायालय से कहा कि सिविल सेवा मुख्य (लिखित) परीक्षा-2021 संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा 7 जनवरी से 16 जनवरी 2022 के दौरान देशभर में 24 केंद्रों पर कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए आयोजित की गई। सफलतापूर्वक आयोजित इस परीक्षा में कोविड संक्रमित उम्मीदवारों के लिए कोई अलग व्यवस्था करने का आदेश नहीं दिया गया था। याचिकाकर्ताओं ने शीर्ष अदालत से गुहार लगाई है कि वह संघ लोक सेवा आयोग को आदेश दे कि वह कोविड-19 से प्रभावित अभ्यर्थियों को परीक्षा के लिए एक अतिरिक्त मौका देने का निर्देश दे। शीर्ष अदालत गुरुवार को मामले की सुनवाई कर सकती है।