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भारत और यूएई के बीच व्यापक रणनीतिक साझीदारी के तहत हुए नौ समझौते

आबू धाबी।  भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने परस्पर व्यापक रणनीतिक साझीदारी के तहत व्यापार और निवेश, डिजिटल बुनियादी ढांचे, फिनटेक, ऊर्जा, बुनियादी ढांचे, संस्कृति और लोगों से लोगों के संबंधों सहित सभी क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के उद्देश्य से नौ समझौते पर मंगलवार को हस्ताक्षर किए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान की मौजूदगी में इन समझौतों के दस्तावेजों का आदान-प्रदान किया गया। श्री मोदी यूएई और कतर की तीन दिन की यात्रा के पहले पड़ाव में आज आबू धाबी पहुंचे जहां राष्ट्रपति ने श्री मोदी का हवाईअड्डे पर विशेष और गर्मजोशी से स्वागत किया। उसके बाद श्री मोदी को यूएई के सशस्त्र सैन्य बलों की एक संयुक्त टुकड़ी ने सलामी गारद पेश की।

दोनों नेताओं ने पहले एकांत में और फिर प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत की। उन्होंने द्विपक्षीय साझीदारी की समीक्षा की और सहयोग के नए क्षेत्रों पर चर्चा की। उन्होंने व्यापार और निवेश, डिजिटल बुनियादी ढांचे, फिनटेक, ऊर्जा, बुनियादी ढांचे, संस्कृति और लोगों से लोगों के संबंधों सहित सभी क्षेत्रों में भारत यूएई व्यापक रणनीतिक साझीदारी को गहरा करने का स्वागत किया। चर्चा में क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दे भी शामिल रहे। बैठक में नौ दस्तावेजों का आदान-प्रदान किया गया। द्विपक्षीय निवेश संधि के तहत दोनों देशों में निवेश को और बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। भारत ने यूएई के साथ द्विपक्षीय निवेश संधि और व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते दोनों पर हस्ताक्षर किए हैं। इलेक्ट्रिकल इंटरकनेक्शन और व्यापार के क्षेत्र में सहयोग पर समझौता ज्ञापन ऊर्जा सुरक्षा और ऊर्जा व्यापार सहित ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग के नए क्षेत्रों को खोलता है।

भारत-मध्य पूर्व आर्थिक गलियारे पर भारत और यूएई के बीच एक अंतर सरकारी ढांचागत समझौता, इस मामले पर पिछली समझ और सहयोग पर आधारित होगा और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को आगे बढ़ाने के लिए भारत और यूएई के सहयोग को बढ़ावा देगा। डिजिटल अवसंरचना परियोजनाओं में सहयोग पर समझौता ज्ञापन, डिजिटल अवसंरचना क्षेत्र में निवेश सहयोग सहित व्यापक सहयोग के लिए एक रूपरेखा तैयार करेगा और तकनीकी ज्ञान, कौशल और विशेषज्ञता को साझा करने की सुविधा भी प्रदान करेगा। दोनों देशों के राष्ट्रीय अभिलेखागार के बीच सहयोग प्रोटोकॉल अभिलेखीय सामग्री की बहाली और संरक्षण सहित इस क्षेत्र में व्यापक द्विपक्षीय सहयोग को आकार देगा। विरासत और संग्रहालयों के क्षेत्र में सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन से दोनों देशों के बीच जुड़ाव को बढ़ावा मिलेगा, जिसका उद्देश्य लोथल, गुजरात में समुद्री विरासत परिसर का विकास करना है।

त्वरित भुगतान प्लेटफार्मों – यूपीआई (भारत) और एएनआई (यूएई) के इंटरलिंकिंग पर समझौते से दोनों देशों के बीच निर्बाध सीमा पार लेनदेन की सुविधा मिलेगी। घरेलू डेबिट/क्रेडिट कार्डों – रूपे (भारत) और जयवान (यूएई) को आपस में जोड़ने पर समझौते के तहत वित्तीय क्षेत्र में सहयोग के निर्माण में एक महत्वपूर्ण कदम, इससे पूरे यूएई में रूपे की सार्वभौमिक स्वीकृति बढ़ेगी। प्रधानमंत्री ने संयुक्त अरब अमीरात के घरेलू कार्ड जयवान के लॉन्च पर राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान को बधाई दी, जो डिजिटल रुपे क्रेडिट और डेबिट कार्ड स्टैक पर आधारित है। नेताओं ने जयवान कार्ड का उपयोग करके किए गए लेनदेन का भी जायज़ा लिया ।

दोनों नेताओं ने नेताओं ने ऊर्जा साझीदारी को मजबूत करने पर भी चर्चा की। उन्होंने इस बात की सराहना की कि भारत कच्चे तेल और एलपीजी के सबसे बड़े स्रोतों में से एक यूएई के साथ एलएनजी की आपूर्ति के लिए दीर्घकालिक अनुबंध में प्रवेश कर रहा है। प्रधानमंत्री के आगमन के पहले, राइट्स लिमिटेड ने आबू धाबी पोर्ट्स कंपनी और गुजरात मैरीटाइम बोर्ड के साथ बंदरगाहों के बुनियादी ढांचे के निर्माण को लेकर एक समझौते पर हस्ताक्षर किए जिसके फलस्वरूप दोनों देशों के बीच कनेक्टिविटी को और बढ़ाने में मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री ने श्री नाहयान को आबू धाबी में बीएपीएस मंदिर के निर्माण के लिए भूमि देने में उनके व्यक्तिगत सहयोग और उनकी दयालुता के लिए धन्यवाद दिया। दोनों पक्षों ने कहा कि बीएपीएस मंदिर यूएई -भारत मित्रता, गहरे सांस्कृतिक बंधनों का उत्सव है और सद्भाव, सहिष्णुता और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के लिए संयुक्त अरब अमीरात की वैश्विक प्रतिबद्धता का प्रतीक है।