67 वर्ष की हुयी नीतू सिंह
मुंबई। बॉलीवुड की जानीमानी अभिनेत्री नीतू सिंह आज 67 वर्ष की हो गयी। 08 जुलाई 1958 को जन्मीं नीतू सिंह को नृत्य में काफी रूचि थी। उनकी रूचि को देखते हुये उनकी मां राजी सिंह ने उसे प्रसिद्ध अभिनेत्री वैजयंती माला के नृत्य स्कूल में नृत्य सीखने की अनुमति दे दी। नृत्य सीखने के दौरान वैजयंती माला उनके नृत्य करने के अंदाज से काफी प्रभावित हुयीं और अपनी फिल्म ‘सूरज’ में बाल कलाकार के रूप में काम करने की उनसे पेशकश की जिसे उन्होंने सहर्ष स्वीकार कर लिया। साठ के दशक में नीतू सिंह ने कई फिल्मों में बाल कलाकार के रूप में अभिनय किया। इनमें 1968 में प्रदर्शित फिल्म ‘दो कलियां’ खासतौर पर उल्लेखनीय है। इस फिल्म में उनकी दोहरी भूमिका को सिने प्रेमी शायद हीं कभी भूल पायें।
फिल्म में उन पर फिल्माया गीत ‘बच्चे मन के सच्चे’ दर्शकों और श्रोताओं के बीच आज भी लोकप्रिय है। नीतू सिंह ने अभिनेत्री के रूप में अपने सिने करियर की शुरूआत 1973 में प्रदर्शित फिल्म ‘रिक्शावाला’ से की। इस फिल्म में उनके नायक के रूप में रणधीर कपूर थे। कमजोर पटकथा और निर्देशन के कारण फिल्म टिकट खिड़की पर असफल साबित हुयी। नीतू सिंह को प्रारंभिक सफलता दिलाने में निर्माता. निर्देशक नासिर हुसैन की वर्ष 1973 में प्रदर्शित फिल्म ‘यादों की बारात’ का अहम स्थान है। इस फिल्म में उन्हें एक छोटी सी भूमिका निभाने का अवसर मिला। फिल्म में उनपर फिल्माया गीत ‘लेकर हम दीवाना दिल’ उन दिनों श्रोताओं के बीच क्रेज बन गया था।आज भी यह गीत श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर देता है।
‘यादो की बारात’ की सफलता के बावजूद नीतू सिंह फिल्म इंडस्ट्री में लगभग दो वर्ष मुंबई में संघर्ष करती रहीं। आश्वासन तो सभी देते लेकिन उन्हें अच्छी फिल्मों में काम करने का अवसर कोई नहीं देता था। इस बीच नीतू सिंह ने शतरंज के मोहरे, आशियाना और हवस जैसी बी और सी ग्रेड वाली फिल्मों में अभिनय किया लेकिन इन फिल्मों से उन्हें कोई खास फायदा नहीं पहुंचा। वर्ष 1975 में प्रदर्शित फिल्म ‘खेल खेल में’ मुख्य अभिनेत्री के रूप में नीतू सिंह के सिने कैरियर की पहली सुपरहिट फिल्म साबित हुयी। इस फिल्म में उनके नायक की रूप में ऋषि कपूर थे।युवा प्रेम कथा पर आधारित इस फिल्म को दर्शकों के काफी पसंद किया। फिल्म की सफलता के साथ ही नीतू सिंह अभिनेत्री के रूप में फिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने में कामयाब हो गयी।