विकसित राष्ट्र के लिए मूलभूत ढांचे के विकास में तेजी लाने की जरूरत: पुरी
नयी दिल्ली। केंद्रीय आवास एवं नगरीय विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि वर्ष 2047 तक अपने देश को विकसित राष्ट्र का दर्जा हासिल करते देखना चाहते हैं जिसके लिये मूलभूत ढांचे के विकास में तेजी लाने की जरूरत है। पुरी ने मंगलवार को ‘कनेक्ट करो 2023’ दूसरे एवं अंतिम दिन डब्ल्यू आर आई इंडिया की रिपोर्ट मोरफ़ोलॉजी ऑफ डेल्ही नेशनल कैपिटल रीजंस इकोनामिक ज्योग्राफी एंड इंप्लीकेशंस फॉर प्लैनिंग (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के आर्थिक भूगोल का आकृति विज्ञान और योजना के निहितार्थ) जारी की। उन्हाेंने ट्रांसफॉर्मेशनल अर्बनाइजेशन फॉर इंडिया एट 2047 विषयक सत्र के दौरान अपने सम्बोधन में कहा कि वर्ष 2047 तक रूपांतरणकारी बदलाव का लक्ष्य रखने से नवोन्मेष में तेजी और रणनीतिक मूलभूत ढांचे के वित्त पोषण, आर्थिक विकास की योजना, रेजीलियंस के निर्माण और सभी के लिये मानव विकास के उच्च मानकों को हासिल करने के लिये जरूरी सही विकल्प चुनने में आसानी होगी।
पुरी ने रूपांतरणकारी बदलाव के उदाहरण के तौर समग्र नगरीयकरण का लक्ष्य हासिल करने के लिये दक्षतापूर्ण सार्वजनिक परिवहन प्रणाली की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “ वर्तमान में हमारे पास 860 किलोमीटर की मेट्रो लाइन पर ट्रेनों का संचालन हो रहा है और करीब 917 किलोमीटर लम्बी लाइन पर काम किया जा रहा है। जल्द ही हमारे पास दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मेट्रो रेल नेटवर्क होगा। हमें अपनी मेट्रो प्रणाली पर गर्व होना चाहिये। मगर नगरीय परिवहन के क्षेत्र में अभी बहुत काम किया जाना बाकी है। जब हम लोगों को चुनने की क्षमता देकर दक्षतापूर्ण परिवहन की सुविधा उपलब्ध कराएंगे, तब परिवहन क्षेत्र में रूपांतरणकारी परिवर्तन का लक्ष्य हासिल कर पायेंगे। मोरफ़ोलॉजी ऑफ डेल्ही नेशनल कैपिटल रीजंस इकोनामिक ज्योग्राफी एंड इंप्लीकेशंस फॉर प्लैनिंग (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के आर्थिक भूगोल का आकृति विज्ञान और योजना के निहितार्थ) में उदारीकरण के बाद दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के आर्थिक और स्थानिक रूपांतरण की दिशा और भारत के अग्रणी आर्थिक केन्द्र बनने के लिये अपने उप क्षेत्रों के अंदर उसके रूपांतरण का विश्लेषण किया गया है। यह रिपोर्ट दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लिए क्षेत्रीय आर्थिक विकास रणनीतियों और स्थानिक-आर्थिक मूल्यांकन ढांचे की जरूरत पर रोशनी डालती है। यह हाशिए पर खड़े समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और अर्थव्यवस्था में उनके योगदान को पहचानने के लिए लक्षित रणनीतियों पर प्रकाश डालती है।
‘कनेक्ट करो 2023’ डब्ल्यू आर आई इंडिया का एक ध्वजवाही कार्यक्रम है। इस दो दिवसीय कार्यक्रम में पर्यावरण और सस्टेनेबिलिटी से जुड़ी प्रमुख चुनौतियों के नवोन्मेषी समाधान तलाशने पर ध्यान केंद्रित किया गया। इस कार्यक्रम में विभिन्न विशेषज्ञ, नीति निर्धारक, सरकारी अधिकारी और देश तथा दुनिया के अनेक शोधकर्ता इकट्ठा हुए और जलवायु परिवर्तन से निपटने की कार्रवाई, खाद्य सुरक्षा, ऊर्जा तथा विकास से जुड़ी उन चुनौतियों पर गहन विचार-विमर्श किया गया, जिनका सामना इस वक्त देश कर रहा है। वर्ल्ड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट रोस सेंटर फॉर सिटीज में ग्लोबल कम्युनिकेशंस एण्ड इंगेजमेंट निदेशक टिनी ट्रान ने कहा, महत्वपूर्ण नगरीय समस्याओं के समाधान के लिये नगरों द्वारा अनोखा तरीका अपनाया जा रहा है। इनसे लोगों की सोच और बर्ताव पर परिवर्तनकारी प्रभाव पड़ सकते हैं।
कार्यक्रम के एक सत्र में नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीवीआर सुब्रमण्यम और डब्ल्यू आर आई इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी माधव पाई के बीच विचार-विमर्श हुआ। यह बातचीत भारत की सतत विकास सम्बन्धी रणनीतियों पर केन्द्रित थी। सुब्रमण्यम ने इस अवसर पर कहा, “ भारत ने जलवायु और प्रदूषणमुक्त रूपांतरण के क्षेत्र में कई महत्वाकांक्षी पहल की हैं। यह रूपांतरण बेहद उथल-पुथल भरा होने जा रहा है क्योंकि इससे उद्योग और कारोबारी क्षेत्रों में आमूल-चूल बदलाव होंगे। लेकिन अगर हमने खुद को इसके लिये तैयार रखा तो यह हमारे के लिये नये अवसरों के दरवाजे भी खोलेगा। पाई ने इस अवसर पर कहा, “ क्लीन एयर एक्सीलरेटर प्रोग्राम और द सिटी फिक्स लैब्स का आज यहां जारी किया जाना नवोन्मेषी समाधान तैयार करने की हमारी प्रतिबद्धता का एक और उदाहरण है। सम्मानित साझेदारों के सहयोग से शुरू की गई इन दो पहलों का उद्देश्य पर्यावरण प्रदूषण से निपटना, डेटा आधारित योजना को बढ़ावा देना और पानी, हवा तथा हरित आवरण के प्रबंधन के प्रकृति आधारित समाधानों को तेज करना है। हमें भरोसा है कि इन पहलों से लंबे वक्त तक रहने वाला प्रभाव तैयार होगा और इससे सतत और रहने योग्य शहरों के निर्माण में मदद मिलेगी।