पर्यटन मंत्रालय के आवंटन में करीब 50 प्रतिशत की वृद्धि :सीतारमण
नयी दिल्ली। आम बजट 2024-25 में बिहार और ओडिशा में पर्यटन बुनियादी ढांचे के विकास की योजनाओं की घोषणा के साथ पर्यटन मंत्रालय के आवंटन में करीब 50 प्रतिशत की वृद्धि की गयी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में अपने बजट भाषण में कहा,“ पर्यटन हमेशा से हमारी सभ्यता का हिस्सा रहा है। भारत को वैश्विक पर्यटन गंतव्य के रूप में स्थापित करने के हमारे प्रयास रोजगार सृजन, निवेश को प्रेरित करेंगे और अन्य क्षेत्रों के लिए आर्थिक अवसर खोलेंगे। श्रीमती सीतारमण ने कहा कि बिहार में गया स्थित विष्णुपद मंदिर और बोधगया में महाबोधि मंदिर का बहुत अधिक आध्यात्मिक महत्व है। उनको विश्वस्तरीय तीर्थ स्थल और पर्यटन गंतव्यों के रूप में विकसित करने के लिए सफल काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर मॉडल के अनुरूप विष्णुपद मंदिर कॉरिडोर और महाबोधि मंदिर कॉरिडोर के समग्र विकास के लिए सहायता प्रदान की जाएगी।
उन्होंने कहा कि राजगीर का हिन्दुओं, बौद्धों और जैनों के लिए अत्यधिक धार्मिक महत्व है। जैन मंदिर परिसर में 20वें तीर्थंकर मुनिसुव्रत का मंदिर प्राचीन है। सप्तऋषि या सात गर्म जलधाराएं मिलकर एक गर्म जल ब्रह्मकुंड बनाते हैं जो पवित्र है। राजगीर के लिए एक समग्र विकास पहल शुरू की जाएगी। वित्त मंत्री ने कहा, “हमारी सरकार नालंदा विश्वविद्यालय का इसकी गौरवपूर्ण महत्ता के अनुरूप पुनरूत्थान करने के अलावा नालंदा को एक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने में सहायता प्रदान करेगी। उन्होंने कहा,“ ओडिशा का दर्शनीय सौंदर्य, मंदिर, स्मारक, शिल्प, वन्य जीव अभयारण्य, प्राकृतिक भू-दृश्य और प्राचीन समुद्री तट इसे एक श्रेष्ठ पर्यटन गंतव्य बनाते हैं। हमारी सरकार उनके विकास के लिए सहायता प्रदान करेगी।
पर्यटन मंत्रालय के लिए इस बार कुल आवंटन 2479.62 करोड़ रुपये किया गया है जो वित्त वर्ष 2023-24 में 1692 करोड़ रुपये का था। पर्यटन मंत्रालय की घरेलू पर्यटन विकास की स्वदेश दर्शन योजना में दोगुनी से अधिक वृद्धि की गई है। गत वर्ष के 818 करोड़ रुपये के आवंटन की तुलना में इस बजट में 1750 करोड़ रुपये दिय गए हैं। जबकि तीर्थ स्थलों के विकास के लिए गत वर्ष के 200 करोड़ रुपये से 20 फीसदी अधिक 240 करोड़ रुपये तथा केन्द्रीय पर्यटन बुनियादी ढांचा विकास के लिए 2080.03 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। गत वर्ष यह आंकड़ा 1294 करोड़ रुपये का था।