मोदी शुक्रवार को लखनऊ, कानपुर की यात्रा पर
नयी दिल्ली ,
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के एक दिन के दौरे पर लखनऊ और कानपुर जाएंगे। इस दौरे में प्रधानमंत्री राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के कानपुर जिले के पैतृक गांव परौंख में आयोजित कार्यकर्मों में भाग लेंगे और राज्य में 80,000 करोड़ रुपये से अधिक की प्रस्तावित लागत की 1,400 से अधिक परियोजनाओं के शिलान्यास के लिए लखनऊ में आयोजित समारोह में शामिल होंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय की गुरुवार को जारी विज्ञप्ति के अनुसार श्री मोदी परौंख गांव में एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे। विज्ञप्ति के अनुसार श्री मोदी तीन जून को लगभग 11 बजे लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान पहुंचेंगे, जहां वह राज्य सरकार द्वारा आयोजित निवेश सम्मेलन- यूपी इन्वेस्टर्स समिट के ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के तीसरे चक्र में भाग लेंगे। ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के दौरान प्रधानमंत्री 80,000 करोड़ रुपये से अधिक की 1406 परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे। परियोजनाओं में कृषि और संबद्ध, आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स, एमएसएमई, विनिर्माण, अक्षय ऊर्जा, फार्मा, पर्यटन, रक्षा एवं एयरोस्पेस, हथकरघा तथा कपड़ा आदि जैसे विविध क्षेत्र शामिल हैं। इस समारोह में देश के उद्योग जगत के दिग्गज शामिल होंगे।
लखनऊ से प्रधानमंत्री दोपहर लगभग 1:45 बजे कानपुर के परौंख गांव पहुंचेंगे, जहां वे राष्ट्रपति श्री कोविंद के साथ पथरी माता मंदिर के दर्शन करेंगे। इसके बाद दोपहर करीब दो बजे वह डॉ. बी. आर. अंबेडकर भवन जाएंगे, जिसके बाद दोपहर 2:15 बजे मिलन केंद्र का दौरा करेंगे। यह केंद्र माननीय राष्ट्रपति का पैतृक घर है, जिसे सार्वजनिक उपयोग के लिए दान कर दिया गया था और अब यह एक सामुदायिक केंद्र (मिलन केंद्र) में परिवर्तित कर दिया गया है। विज्ञप्ति के अनुसार प्रधानमंत्री दोपहर 2:30 बजे परौंख गांव में एक सार्वजनिक समारोह में शामिल होंगे। विज्ञप्ति के अनुसार उत्तर प्रदेश में 21-22 फरवरी, 2018 को आयोजित यूपी इन्वेस्टर्स समिट में मिले निवेश के प्रस्तावों के आधार पर राज्य में औद्योगिक निवेश का पहला ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह उसी वर्ष 29 जुलाई को आयोजित किया गया था। उसमें 61,500 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की 81 परियोजनाओं का शिलान्यास किया गया था । राज्य सरकार ने दूसरा ग्राउंड ब्रेकिंग कार्यक्रम 28 जुलाई, 2019 को आयोजित किया गया था जिसमें 67,000 करोड़ रुपये से अधिक की प्रस्तावित लागत वाली 290 परियोजनाओं का शिलान्यास किया गया।