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मोदी ने नए आईएएस अधिकारियों को बदलाव का उत्प्रेरक एजेंट बनने को कहा

नयी दिल्ली।  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को राजधानी में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) 2022 बैच के 181 अधिकारी प्रशिक्षुओं से बातचीत की और उन्हें देश में स्वस्थ बदलाव के उत्प्रेरक एजेंट की भूमिका निभागने के लिए प्रेरित किया। इन अधिकारियों को केंद्र के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में सहायक सचिव के रूप में शामिल किया गया है। उनके साथ यह बैठक सुषमा स्वराज भवन में आयोजित की गयी। प्रधानमंत्री ने उनको संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें उत्प्रेरक एजेंट बनने की आकांक्षा रखनी चाहिए और जब वे अपनी आंखों के सामने बदलाव होते देखेंगे तो उन्हें संतुष्टि महसूस होगी।

उन्होंने कार्मिक राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पी.के. मिश्रा, कैबिनेट सचिव राजीव गौबा, और सचिव (गृह और कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग) ए.के. भल्ला तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में कहा, “अब यह आप की पसंद है कि आप सेवा वितरण में स्पीड ब्रेकर ( गित अवरोधक) बनना चाहते हैं या सुपरफास्ट हाईवे। श्री मोदी ने कहा कि नया भारत सुस्त रवैये से संतुष्ट नहीं है और सक्रियता की मांग करता है और अधिकारियों को चाहिए कि वे सभी नागरिकों को सर्वोत्तम संभव सुशासन, विनिर्माण की गुणवत्ता और जीवन की गुणवत्ता प्रदान करें।

श्री मोदी ने कहा कि उनके लिए राष्ट्र प्रथम केवल एक नारा नहीं बल्कि उनके जीवन का उद्देश्य है और उन्होंने अधिकारियों से इस यात्रा में उनके साथ चलने का आह्वान किया। उन्होंने यह भी कहा कि आईएएस के रूप में चयन के बाद उन्हें जो सराहना मिली थी, वह अब अतीत की बात हो गई है और अतीत में रहने के बजाय उन्हें भविष्य की ओर बढ़ना चाहिए। लखपति दीदी, ड्रोन दीदी, पीएम आवास योजना आदि योजनाओं के बारे में बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इन सभी को इन योजनाओं को लोगों तक पहुंचाने के लिए संपूर्णता की दृष्टिकोण के साथ काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि योजनाओं से शत-प्रतिशत आंकांक्षी जतना की संतृप्ति करने का दृष्टिकोण ही असल में सामाजिक न्याय सुनिश्चित करता है और इससे भेदभाव दूर होता है।

बातचीत के दौरान, विभिन्न अधिकारियों ने अपने द्वारा प्राप्त प्रशिक्षण के अनुभव साझा किए। प्रधानमंत्री ने 2022 में आरंभिक पाठ्यक्रम के दौरान उनके साथ अपनी पिछली बातचीत को याद किया। सहायक सचिव पाठ्यक्रम के बारे में चर्चा करते हुए, उन्होंने कहा कि इसके पीछे का उद्देश्य प्रशासनिक पिरामिड के शीर्ष से नीचे तक युवा अधिकारियों को अनुभव के आधार पर सीखने का अवसर प्रदान करना है।