मिस्री ने की भारत-नेपाल सहयोग मजबूत करने पर चर्चा
नयी दिल्ली। विदेश सचिव विक्रम मिस्री की दो दिन की नेपाल की यात्रा के दौरान दोनों देशों ने अपनी ऊर्जा साझीदारी एवं कनेक्टिविटी सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग की परियोजनाओं के कार्यान्वयन की गति पर संतोष व्यक्त करते हुए परस्पर सहयोग को और मजबूत करने के उपायों पर विचार विमर्श किया। विदेश मंत्रालय के अनुसार विदेश सचिव श्री मिश्री नेपाल की विदेश सचिव सेवा लम्सल के निमंत्रण पर 11-12 अगस्त 2024 तक नेपाल की आधिकारिक यात्रा पर गये थे। पिछले महीने कार्यभार संभालने के बाद विदेश सचिव की यह पहली नेपाल यात्रा थी।
विदेश सचिव ने आज नेपाली विदेश सचिव से बैठक में भारत और नेपाल के बीच बहुमुखी सहयोग के विभिन्न पहलुओं पर व्यापक चर्चा की। दोनों विदेश सचिवों ने विभिन्न द्विपक्षीय पहलों और विकासात्मक परियोजनाओं में हुई प्रगति की समीक्षा की और आगे सहयोग के अवसरों पर चर्चा की। नेपाल के विदेश सचिव ने दौरे पर आए प्रतिनिधिमंडल के लिए दोपहर के भोजन का भी आयोजन किया। विदेश सचिव ने रविवार को नेपाल के राष्ट्रपति रामचन्द्र पौडेल और नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली से मुलाकात की। उन्होंने उन्हें भारत के नेतृत्व की ओर से शुभकामनाएं दीं और दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग के विभिन्न पहलुओं में हो रही प्रगति के बारे में भी जानकारी दी।
विदेश मंत्रालय ने बताया कि श्री मिस्री ने नेपाली उपप्रधानमंत्री एवं शहरी विकास मंत्री प्रकाश मान सिंह, उप प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री बिष्णु प्रसाद पौडेल, गृह मंत्री रमेश लेखक और विदेश मंत्री डॉ. आरज़ू राणा देउबा से भी मुलाकात की। इन बैठकों के दौरान विभिन्न पारस्परिक रूप से लाभप्रद क्षेत्रों में भारत-नेपाल सहयोग को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की गई। विभिन्न बैठकों के दौरान, दोनों पक्षों ने भारत और नेपाल के बीच घनिष्ठ और मैत्रीपूर्ण संबंधों की पुष्टि की जो ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, सभ्यतागत और लोगों से लोगों के संबंधों में गहराई से निहित हैं। दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय सहयोग में हाल के वर्षों में हासिल की गई पर्याप्त प्रगति पर संतोष व्यक्त किया जो विशेष रूप से भौतिक, डिजिटल, ऊर्जा के साथ-साथ लोगों के बीच कनेक्टिविटी के विभिन्न क्षेत्रों -सड़कों, पुलों, एकीकृत जांच चौकियों, सीमा पार रेलवे, पेट्रोलियम पाइपलाइनों आदि बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के स्थिर कार्यान्वयन में प्रकट होता है।
दोनों पक्षों ने बिजली क्षेत्र सहयोग के क्षेत्र में पारस्परिक रूप से लाभप्रद साझीदारी में हुई प्रगति की भी सराहना की जिसमें हाल के वर्षों में पर्याप्त प्रगति देखी गई है। इस संदर्भ में, इस बात पर संतोष व्यक्त किया गया कि पिछले 2-3 वर्षों में नेपाल के भारत को जलविद्युत निर्यात में कई गुना वृद्धि ने नेपाल के लिए राजस्व और भारत के लिए स्वच्छ ऊर्जा का अतिरिक्त स्रोत तैयार किया है। 2026 में नेपाल को एलडीसी दर्जा से मुक्ति दिलाने में बिजली क्षेत्र के सहयोग की भूमिका पर भी प्रकाश डाला गया।
विदेश सचिव ने अन्य वरिष्ठ राजनीतिक नेताओं के साथ-साथ नेपाल के नागरिक समाज के सदस्यों से भी मुलाकात की। यात्रा के दौरान, विदेश सचिव ने नेपाल के शहरी विकास मंत्रालय के सचिव मणि राम गेलाल के साथ संयुक्त रूप से काठमांडू के पुराने शहर के मध्य में रक्तकाली में ‘हृदय’ स्थित प्रख्यात नेपाली कवि केसरी चित्तधर से जुड़ी एक ऐतिहासिक आवासीय इमारत ‘नेपाल भाषा परिषद’ का भी उद्घाटन किया। यह 2015 के विनाशकारी भूकंप के बाद भारत सरकार की सहायता से शुरू की गई 28 सांस्कृतिक क्षेत्र की पुनर्निर्माण परियोजनाओं में से एक है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि पड़ोसी प्रथम नीति के तहत नेपाल भारत का प्राथमिकता वाला भागीदार है। विदेश सचिव की यात्रा ने दोनों देशों के बीच नियमित उच्च स्तरीय आदान-प्रदान की परंपरा को जारी रखा और हमारे द्विपक्षीय संबंधों को और आगे बढ़ाने में मदद की।