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‘पाला’ को प्राकृतिक आपदा घोषित कराया मनमोहन ने: शिवराज

नयी दिल्ली।  केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान‌ ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा है कि वह किसानों के हितैषी थे और उन्होंने ‘पाला’ को प्राकृतिक आपदा घोषित कराया था। श्री चौहान ने शुक्रवार को यहां एक संदेश में डॉक्टर सिंह को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि अर्थशास्त्र के विद्वान, आर्थिक सुधारों के महानायक श्री मनमोहन जी मौन हो गए, उनके जाने से आर्थिक सुधारों के एक युग का अंत हो गया। उनके आर्थिक सुधारों ने देश के विकास को नई दिशा और गति दी थी। उन्होंने कहा, “सहज, सरल, सौम्य, शिष्ट मनमोहन जी को मेरा प्रणाम। भगवान दिवंगत आत्मा को शांति दे और उनके परिजनों को और संपूर्ण देश को यह गहन दुख सहन करने की क्षमता दे यही प्रार्थना है। ओम शांति।

श्री चौहान ने कहा कि डॉक्टर सिंह की किसानों की जायज़ बात सुनते थे और समस्या का समाधान करते थे। उन्होंने एक अनुभव साझा करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश में उनके मुख्यमंत्रित्व काल के दौरान राज्य के किसानों को ‘पाला’ से बड़ा नुकसान हुआ था। उन्होंने केंद्र सरकार से इसके लिए भरपाई की मांग की तो इसे अस्वीकार कर दिया गया और कहा गया कि यह प्राकृतिक आपदा की सूची में नहीं है। इसके बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ सिंह ने श्री चौहान को स्वयं फोन किया और कहा कि समस्या है तो समाधान होगा।

इसके बाद ‘पाला’ प्राकृतिक समस्या है या नहीं इसका आकलन करने के लिए एक समिति का गठन किया गया जिसमें तत्कालीन केंद्रीय मंत्री प्रणब मुखर्जी, पी चिदंबरम और शरद पवार तथा श्री चौहान शामिल रहे। वैज्ञानिक आकलन के पश्चात ‘पाला’ को प्राकृतिक आपदा माना गया और किसानों को सहायता दी गई। श्री चौहान ने बताया कि मध्य प्रदेश को 400 करोड रुपए मिले। श्री चौहान ने कहा, “मन बेचैन हो गया, मैं किसानों के साथ बैठ गया था। तब मनमोहन जी का फोन आया कि कभी आपकी हुकूमत भी आ सकती है। आप ऐसा मत कीजिए, दिल्ली बात करते हैं और समस्या है…तो उसका हल निकालते हैं।