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वैश्विक चुनौतियों का समाधान प्रदान करने में भारत अग्रणी भूमिका निभा रहा है: बिरला

बोस्टन।  लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शनिवार को कहा कि भारत अपने युवा पीढ़ी के प्रौद्योगिकी एवं नवान्वेषण में योगदान से न सिर्फ भारत के विकास में बल्कि वैश्विक चुनौतियों के समाधान में अग्रणी भूमिका अदा कर रहा है। श्री बिरला अमेरिका में भारतीय संसदीय शिष्टमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं। वह आज बोस्टन पहुंचे जहां उन्होंने विभिन्न प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में पढ़ रहे भारतीय छात्रों से बातचीत की। इस अवसर पर श्री बिरला ने छात्रों के साथ भारत की विकास गाथा साझा की और भारत की विकास यात्रा में युवाओं की भूमिका के बारे में बात की । हाल के वर्षों में भारत में तेजी से आ रहे बदलावों का उल्लेख करते हुए श्री बिरला ने कहा कि अब भारत वैश्विक चुनौतियों का समाधान प्रदान करने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि भारतीय युवा अपनी बुद्धिमत्ता और कड़ी मेहनत से प्रौद्योगिकी और नवान्वेषण के क्षेत्र में क्रान्ति ला रहे हैं और दुनिया भर में रोजगार अवसरों के सृजन के साथ ही आर्थिक विकास में योगदान कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य है और इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए गंभीरता से प्रयास किए जा रहे हैं । राष्ट्र के भविष्य को निर्धारित करने में युवाओं की भूमिका का उल्लेख करते हुए, श्री बिरला ने कहा कि भारतीय युवा अपनी कड़ी मेहनत, कौशल और क्षमताओं के बल पर देश की दशा-दिशा को बदलने में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। इस संबंध में श्री बिरला ने अनुसंधान और नवान्वेषण पर जोर देने वाली और अधिक विश्व स्तरीय विश्वविद्यालयों की स्थापना की आवश्यकता पर बल दिया जिससे युवाओं को उनके सपनों को साकार करने के लिए उत्कृष्ट माध्यम मिल सके। उन्होंने यह सुझाव भी दिया कि विश्वविद्यालयों को सेवा क्षेत्र और उद्योग की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए अपने पाठ्यक्रम और कार्यप्रणाली के साथ इनका तालमेल बनाना चाहिए। इससे न सिर्फ रोजगार मिलेगा बल्कि दूसरों को भी रोजगार के अवसर मिलेंगे। उन्होंने युवाओं से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि वे अपनी शिक्षा, कौशल और अनुभव से जन कल्याण, विशेष रूप से उपेक्षित वर्ग के लोगों के कल्याण में योगदान दें। अध्यक्ष महोदय ने युवाओं से लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में भाग लेने , विधायी निकायों को परामर्श देने और निर्वाचित प्रतिनिधियों को जानकारी प्रदान करने का आग्रह भी किया।


बाद में श्री बिरला ने बोस्टन में प्रवासी भारतीयों को संबोधित किया। अपने संबोधन में, उन्होंने कहा कि प्रवासी भारतीयों को उनकी कार्य शैली और कार्य संस्कृति के कारण पूरी दुनिया में सम्मान दिया जाता है। लोकसभा अध्यक्ष ने यह भी कहा कि भारतीय समुदाय जरूरत के समय अपनी मातृभूमि के साथ-साथ अपने मेजबान देशों की मदद के लिए हमेशा आगे आया है। राष्ट्रों के समूह में भारत के बढ़ते प्रभाव का उल्लेख करते हुए श्री बिरला ने कहा कि आज जब भारत बोलता है तो दुनिया सुनती है। इस संबंध में उन्होंने ग्रामीण विकास, संचार, महिला सशक्तिकरण आदि में किए जा रहे नीतिगत प्रयासों का उल्लेख किया। इसके अलावा भारत वैश्विक बाजार में एक प्रमुख निर्यातक बन गया है। उन्होंने यह भी कहा कि व्यापार, प्रौद्योगिकी और पर्यटन भारत के विकास का आधार हैं। श्री बिरला ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत से वैश्विक विनिर्माण केंद्र के रूप में भारत के आविर्भाव का मार्ग प्रशस्त हो रहा है। भारत ने जिस प्रकार कोविड-19 महामारी की स्थिति को संभाला और स्वदेशी रूप से टीकों का विकास किया, उससे दुनिया में इसकी प्रतिष्ठा बढ़ी है। भारतीय लोकतंत्र के बारे में अपने विचार व्यक्त करते हुए श्री बिरला ने कहा कि लोकतंत्र भारत की सबसे बड़ी ताकत है और लोकतंत्र ने भारत में विकास को गति दी है। उन्होंने कहा कि भारतीय लोकतंत्र सबसे गतिशील और जीवंत है और इसीलिए भारत की आवाज दुनिया भर में गूंजती है। श्री बिरला ने कहा कि इस बात को ध्यान में रखते हुए कि वैश्विक आर्थिक विकास पूरी दुनिया में शांति और स्थिरता पर निर्भर है कहीं भी शांति के लिए खतरा हर जगह शांति के लिए खतरा है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी देशों को शांति और विकास के लिए प्रयास करने चाहिए। इससे पहले बोस्टन पहुंचने पर श्री बिरला ने हार्वर्ड विश्वविद्यालय और मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी का दौरा किया। उन्होंने वहां के प्राध्यापकों और छात्रों से बातचीत की।

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