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किंग चार्ल्स तृतीय का विरोध-प्रदर्शनों के बीच होगा राज्याभिषेक

लंदन।  ब्रिटेन के सम्राट चार्ल्स तृतीय का शनिवार को आधिकारिक रूप से एक भव्य समारोह में राज्याभिषेक किया जाएगा। ब्रिटेन में राजशाही के आलोचकों ने इस लोकतंत्र का मजाक बताया है। इस दौरान विरोध पदर्शन होने की भी संभावना है। राजा चार्ल्स और उनकी पत्नी कैमिला सुबह 10 बजकर 20 मिनट पर बीएसटी (जीएमटी 9:20) पर बकिंघम पैलेस से छह घोड़ों वाली शाही घोड़ागाड़ी पर सवार होकर लंदन की सड़कों पर यात्रा करते हुए वेस्टमिंस्टर एब्बे (एक कॉलेजियट चर्च) पहुंचेंगे। आधिकारिक समारोह कैंटरबरी के आर्कबिशप द्वारा वेस्टमिंस्टर एब्बे में सुबह 06 बजे बीएसटी (06:00 जीएमटी) पर शुरू किया जाएगा। सत्तर वर्षों में पहले राज्याभिषेक समारोह में राजा और रानी की अगल-बगल में ताजपोशी की जाएगी।

शाही जुलूस ट्राफलगर चौक से गुजरेगा जहां 17 वीं शताब्दी के ब्रिटिश सम्राट राजा चार्ल्स I की एक प्रतिमा है। उसे सत्तावादी शासन के कारण 1649 में उसे फांसी दी गई थी। चौक पर नॉट माई किंग विरोध प्रदर्शन के लिए लगभग 1,700 गणतंत्र कार्यकर्ताओं के इकट्ठा होने की उम्मीद है। जुलूस के पीछे एक राजशाही विरोधी समूह, ने प्रदर्शनकारियों से कहा कि वे लाल-सफेद-नीले यूनियन जैक झंडों वाली सड़कों पर खड़े होने के लिए पीले रंग के कपड़े पहनें।

गणतंत्र के नेता ग्राहम स्मिथ ने मीडिया से कहा कि वे राजशाही को खत्म होते देखना चाहते हैं और राजा को एक लोकतांत्रिक राज्य के प्रमुख के साथ बदलना चाहते हैं। उन्होंने राज्याभिषेक समारोह को जीवन-यापन के संकट के बीच आयोजित एक ‘वैनिटी परेड’ के रूप में वर्णित किया।

बकिंघम पैलेस ने इस समारोह पर होने वाले खर्चे के बारे में जानकारी नहीं दी है , लेकिन ब्रिटिश मीडिया ने राज्याभिषेक समारोह का खर्च मूल्य 100 मिलियन पाउंड (126 मिलियन डॉलर) तक बताया है। यह खर्चा 1953 के समारोह में भाग लेने वाले 8,000 मेहमानों की संख्या घटाकर 2,000 करने के बावजूद होना है।

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