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केजरीवाल ने सुंदरलाल बहुगुणा को भारत रत्न देने के लिए मोदी को लिखा पत्र

नयी दिल्ली, 

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिख कर प्रख्यात पर्यावरणविद् सुंदरलाल बहुगुणा को भारत रत्न से सम्मानित करने का अनुरोध किया। श्री केजरीवाल ने कहा कि जिस समय पर्यावरण संरक्षण का भाव अंतरराष्ट्रीय विमर्श में भी नहीं था, उस समय श्री बहुगुणा ने समूचे विश्व पर आने वाले खतरे को भांपते हुए स्वयं को पर्यावरण की रक्षा के लिए समर्पित कर दिया। उनके द्वारा शुरू किया गया चिपको आंदोलन उत्तर भारत में हिमालय से शुरू होकर दक्षिण में कर्नाटक तक पहुंचा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने दिल्ली विधानसभा में श्री बहुगुणा की तस्वीर लगवाई है, ताकि उनका जीवन और उनके द्वारा पर्यावरण सुरक्षा के लिए शुरू किया गया यज्ञ, दिल्ली के नीति नियंत्रण के लिए प्रेरणा और मार्गदर्शन करता रहे। दिल्ली सरकार की ओर से उनका अनुरोध है कि श्री बहुगुणा को भारत रत्न की उपाधि से सम्मानित किया जाए। उन्होंने पत्र में लिखा है कि उत्तराखंड के निवासी और चिपको आंदोलन के लिए मशहूर पर्यावरणविद श्री सुंदरलाल बहुगुणा द्वारा राष्ट्र निर्माण में दिए गए योगदान से तो आप परिचित ही हैं। श्री बहुगुणा ने अपनी 94 वर्ष की यात्रा इसी वर्ष 21 मई, 2021 को अंतिम सांस लेते हुए पूर्ण की। उनका पूरा जीवन देश एवं समाज के लिए और मानवता की भलाई के लिए इतने कार्यों से भरा हुआ है कि हम कभी भी उस से उष्ण नहीं हो सकते।

दिल्ली CM केजरीवाल ने PM मोदी को लिखा पत्र, कहा- सुंदरलाल बहुगुणा को मिले भारत  रत्न - ZEE5 News
श्री केजरीवाल पत्र में आगे लिखा है कि इस वर्ष हम देश की आजादी के 75 वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं। श्री बहुगुणा ने अपना बचपन महात्मा गांधी की प्रेरणा से स्वतंत्रता संग्राम में देश को आजाद करने के लिए लड़ते हुए बिताया। आजादी के बाद वे संत विनोबा भावे की प्रेरणा से भूदान और ग्राम स्वराज योजना के कार्यक्रमों में लग गए। जिस समय दुनिया आंख बंद करके पर्यावरण के शोषण में लगी थी और पर्यावरण संरक्षण का भाव अंतरराष्ट्रीय विमर्श में भी नहीं था, उस समय उन्होंने राष्ट्र और समूचे विश्व पर आने वाले खतरे को भांपते हुए स्वयं को पर्यावरण की रक्षा के यज्ञ के लिए समर्पित कर दिया। मां ने संदेश दिया कि मनुष्य प्रकृति को अपने निजी संपत्ति मानने की भूल कर बैठा है और इसके अंधाधुंध दोहन की वजह से संसार में अनेक विसंगतियां और समस्याएं उत्पन्न होने जा रही है। उनके द्वारा शुरू किया गया चिपको आंदोलन उत्तर भारत में हिमालय से शुरू होकर दक्षिण में कर्नाटक तक पहुंच गया। उन्होंने कहा कि हम भारत के लोगों का सौभाग्य है कि हमें मार्गदर्शन देने के लिए दिवंगत बहुगुणा जैसा व्यक्तित्व हमारे देश में पैदा हुआ। उनका पूरा जीवन हम सबके लिए प्रेरणा का स्रोत है। आजादी के 75वें साल में जब हम अपने स्वतंत्रता सेनानियों और पिछले 25 वर्ष के सफर में राष्ट्र को सही दिशा देने वाले गणमान्य व्यक्तियों को सम्मानित करने का काम कर रहे हैं तो ऐसे में दिल्ली सरकार की ओर से अनुरोध है कि श्री बहुगुणा को भारत रत्न की उपाधि से सम्मानित किया जाए। हमारा मानना है कि श्री बहुगुणा को भारत रत्न प्रदान करने से इस सम्मान का ही सम्मान होगा।

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