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न्यायमूर्ति मिश्रा ने जेएनयू के पूर्व छात्र की जमानत याचिका पर सुनवाई से अपने को अलग किया

नयी दिल्ली।  उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली दंगों की साजिश रचने के आरोपी जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र उमर खालिद की जमानत याचिका पर बुधवार को सुनवाई टाल दी गई। न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय पीठ से न्यायाधीश प्रशांत कुमार मिश्रा के अपने आपको अलग करने के बाद सुनवाई 17 अगस्त के लिए स्थगित कर दी गई। न्यायमूर्ति बोपन्ना ने कहा, ‘कुछ समस्या है’ इसकी वजह से मामले की सुनवाई एक दूसरी पीठ 17 अगस्त को करेगी। याचिकाकर्ता खालिद सितंबर 2020 से न्यायिक हिरासत में जेल में बंद है।

खालिद ने अक्टूबर 2022 में दिल्ली उच्च न्यायालय से जमानत याचिका खारिज किए जाने के बाद शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था। उसकी याचिका पर अदालत ने दिल्ली दिल्ली पुलिस को मई 2023 में नोटिस जारी किया था। इससे पहले मार्च 2022 में कड़कड़डूमा की जिला अदालत ने खालिद की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। दिल्ली पुलिस ने खालिद को सितंबर 2020 में गिरफ्तार किया था। उसे दंगों की साजिश रचने, गैरकानूनी सभा करने के अलावा गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) जैसे संगीन आरोप के तहत गिरफ्तार किया गया था।

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