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वृद्धि और विकास के नये रास्त पर बढ रहा है जम्मू-कश्मीर: धनखड़

नयी दिल्ली।  उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा है कि अनुच्छेद 35-ए और 370 के निरस्त होने के बाद केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू- कश्मीर वृद्धि और विकास एक नया रास्ता पर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि जम्मू -कश्मीर के राष्ट्रीय मुख्यधारा में शामिल होने से वहां निवेश, विकास और सुधार का मार्ग प्रशस्त हुआ है। धनखड़ ने गुरुवार को जम्मू विश्वविद्यालय के विशेष दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि अनुच्छेद 35-ए और 370 को संविधान में अस्थायी प्रावधानों के रूप में रखा गया था लेकिन ये प्रावधान 70 वर्षों तक अमल में हर रहे। उन्होंने कहा कि संविधान निर्माता डॉ. बी आर अंबेडकर ने अनुच्छेद 370 का मसौदा तैयार करने से इनकार कर दिया था।  धनखड़ ने कहा, “व्यक्तिगत रूप से बीस वर्षों से मैं अनुच्छेद 35 ए और 370 को निरस्त करने की वकालत कर रहा था। हम खुश हैं कि अब यह नहीं है।

उप राष्ट्रपति ने कहा कि इस क्षेत्र में पहले की अपेक्षा माहौल सौहार्दपूर्ण है और यह डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के जीवन और मिशन के लिए सबसे बड़ी श्रद्धांजलि है जिन्होंने एक मजबूत और एकजुट भारत के निर्माण के लिए अपना जीवन खपा दिया। केन्द्र शासित प्रदेश में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद हुए परिवर्तनों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि लोगों के फायदे के लिए वहां 890 केंद्रीय कानून लागू किए गए हैं और राज्य के 200 से अधिक कानून निरस्त किए गए हैं तथा अनेक कानूनों में संशोधन किया गया है। उन्होंने केंद्र शासित प्रदेश में बुनियादी ढांचे और संपर्क सुविधा में सुधार की भी प्रशंसा की।

भारत को लोकतंत्र की जननी और दुनिया का सबसे सक्रिय लोकतंत्र बताते हुए  धनखड़ ने प्रत्येक भारतीय से देश की उपलब्धियों पर गर्व करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “यह विडंबना है कि इस देश को नीचा दिखाने के लिए सुनियोजित तरीके से झूठी कहानियां फैलाई जा रही हैं। हममें से कुछ लोग इसे गंभीरता से नहीं लेते हैं। उन्होंने कहा कि कानून से ऊपर कोई नहीं है और सरकारी एजेन्सियों ने भ्रष्टाचारियों के भागने के सभी रास्ते बंद कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा, “भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस है। संदेश अब जोरदार और स्पष्ट है; आप किसी भी पहचान या किसी भी वंश के हो सकते हैं, आप कानून के प्रति जवाबदेह हैं।

उप राष्ट्रपति ने छात्रों से कहा कि उन्हें कभी भी तनाव में नहीं रहना चाहिए और न ही विफलता से डरना चाहिए। उन्होंने केंद्रशासित प्रदेश को विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल की भी प्रशंसा की। इस अवसर पर श्री धनखड़ की पत्नी डॉ. सुदेश धनखड़, जम्मू -कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा और अनेक वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।

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