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जयशंकर ने चीन से संबंधों को ‘सामान्य’ बनाये रखने का आग्रह किया

बीजिंग/नई दिल्ली।  शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में भाग लेने आये विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को चीन के उपराष्ट्रपति हान झेंग से मुलाकात की और भारत तथा चीन के बीच संबंधों को ‘सामान्य’ बनाये रखने का आग्रह किया। डा.जयशंकर ने बैठक के दौरान अपने उद्घाटन भाषण में कहा,“ एससीओ में चीन की सफल अध्यक्षता का भारत समर्थन करता है। जैसा कि आपने बताया पिछले अक्टूबर में कज़ान में प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई बैठक के बाद से हमारे द्विपक्षीय संबंधों में लगातार सुधार हो रहा है। मुझे विश्वास है कि इस यात्रा में मेरी बातचीत इसी सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ेगी।

विदेश मंत्री ने कहा कि कैलाश मानसरोवर यात्रा की बहाली की “भारत में काफी सराहना” हो रही है। कैलाश-मानसरोवर यात्रा कोविड-19 महामारी और उसके बाद भारत-चीन के बीच तनाव के कारण पांच वर्ष के बाद इस वर्ष फिर से शुरू हुई है। उन्होंने कहा,“आज जिस अंतर्राष्ट्रीय स्थिति से हम रूबरू हो रहे हैं,वह बहुत जटिल है। पड़ोसी देशों और प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के रूप में भारत और चीन के बीच विचारों और दृष्टिकोणों का खुला आदान-प्रदान बहुत महत्वपूर्ण है। डा. जयशंकर तियानजिन में एससीओ के विदेश मंत्रियों की परिषद की बैठक में भाग लेने के साथ-साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर 2020 के सैन्य गतिरोध के बाद डा. जयशंकर की यह पहली चीन यात्रा है।

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी पिछले महीने एससीओ सुरक्षा परिषद सचिवों की 20वीं बैठक में भाग लेने के लिए चीन आए थे। श्री डोभाल ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ भी बातचीत की और सभी तरह के आतंकवाद से निपटने की जरूरत पर बली दिया। उन्होंने क्षेत्र में समग्र शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों का मुकाबला करने की आवश्यकता पर बल दिया। श्री डोभाल ने चीन के उपराष्ट्रपति हान झेंग से भी मुलाकात की थी।