उत्तर प्रदेशटॉप-न्यूज़राष्ट्रीयलखनऊ लाइव

जैसे पार्थ बने पांच पांडव विचार केवल एक

लखनऊ

संघो शक्ती सर्वदा की तर्ज पर एक साथ उतरी मात्र शक्तियां, माँ धरती पर फै़ले इस कोविड रूपी अंधियारे को मिटाने, हमारी धरोहर की अदृश्य छाया में एक अटल विश्वास के साथ, जो सबने बचपन मे सुना था कि सामूहिक प्रार्थना में बहुत ताकत होती है, तभी तो हर रोज सुबह स्कूल में इकठ्ठी प्रार्थना होती थी। तभी तो पूर्ण आहुति के समय, आरती के समय ज्यादा भी? हो जाय करती थी। बचपन के इस भोले संस्कार का बीज ,मन में लिए, 9 दिन माँ का डिजिटल कीर्तन, परथन व जप किया, एक साथ 75 से भी अधिक महिलाओ ने , व 35 बच्चो ने , जिनका दिशा निर्देशन किया, कुछ सामाजिक संस्थाओं ने,
वर्व्हासव की प्रतिभा बालियांन का क्रियान्वन
पार्थ की रंजन बुंदेला का सहयोग,
शिबि शिल्पग्राम का मनोबल,


                                                                          आस्था सेवा संस्थान का डिजटलीकरण

इन सबके सहयोग से सम्पन हुआ , शक्ति स्वरूपा का पहला चरण,
जिसमे क्रमश: मंजू खरे जी, स्वाति चटर्जी जी, नेहा खन्ना जी
रुपाली श्रीवास्तव जी, संगीता भाटिया जी, जयंती शुक्ला जी, सबीहा जी, रीता दिक्षित, शोभा जी, साध्वी त्रिपाठी, शालिनी तिवारी, जयंती शुक्ला, किरन सिंह जी, रेनू सिन्हा, रचना सिंह, ऋ तु गुप्ता, ऋ तु मिश्रा, प्रियंका सिंह, अरुणा जैसवाल, विनीता सिंह जी, यकता चक्रवर्ती जी, सीमा श्रीवास्तवजी, अनुसहाय जी, किरन अहूजा जी, मनोरमा मिश्रा व अन्य लोगो ने भाग लिया।
वही हमारी संस्कृत हमारी धरोहर के मार्ग दर्शक, आचार्य सुधीर कुमार द्वेदी जी ने इस संकल्पित समूह के मा भगवती के पूजन व भवन का कार्य सम्पन्न किया। विशेष, अपने हर दिन के भजन कीर्तन , जप , हवन के साथ , रक्तपुरक परिवार , के लिए सुबह शाम, प्रार्थना की, जिसके हर एक सदस्य कॉटन के दंश से ग्रसित हर परिवार को , हर संभव सहायता जुटाने में 24 घंटे तत्पर है। 100 लोगो की सामूहिक प्रार्थना का फल आस पास के वातावरन में जरूर सकरात्मक बदलाव लाएगा , इसकी हमे पूरी उम्मीद है।
लौका समस्ता , सुखिनो भवतु।

Leave a Reply