तुर्की एयरलाइन से संबंध नहीं तोड़ेगी इंडिगो एयरलाइन: सीईओ
नयी दिल्ली। देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो ने आज कहा कि वह तुर्की की एयरलाइन के साथ लीज़िंग की व्यवस्था को अभी समाप्त नहीं करेगी लेकिन भारत की नियामक प्रणाली के अंतर्गत कोई ऐसे निर्देश मिले तो वह उस दिशा में जरूरत कदम उठाएगी। इंडिगो के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) पीटर एल्बर्स ने यहां कंपनी के सालाना परिणामों के बारे में जानकारी साझा करने के लिए आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी। इंडिगो द्वारा लंबी दूरी के अंतरराष्ट्रीय मार्गों के लिए तुर्की वाहक से लीज पर लिए गए बोइंग 777 और 787 के उपयोग किया जाता है। उनसे पूछा गया था कि पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के साथ सैन्य संघर्ष में तुर्की की भूमिका को देखते हुए कई क्षेत्रों में तुर्की की कंपनियों के साथ संबंध विच्छेद किये जा रहे हैं। इंडिगो के भी तुर्की की एयरलाइन के साथ लीज़िंग समझौता है, क्या इंडिगो भी ऐसा कोई कदम उठाने के बारे में सोच रही है?
इस सवाल के जवाब में श्री एल्बर्स ने कहा कि तुर्की की एयरलाइन के साथ हमारा एयर सर्विस एग्रीमेंट है। हम म विनियामक ढांचे के संदर्भ में काम करते हैं। अगर विनियामक ढांचे में बदलाव होता है, तो हम ज़रूरी कदम उठाएँगे। दूसरा हमारा बड़ा ग्राहक आधार हैं जिन्होंने तुर्की एयरलाइंस से लीज़ पर लिए गए 777 विमानों द्वारा संचालित उड़ानों में बुकिंग की है। यदि विनियामक प्रणाली में कोई बदलाव का निर्देश आया तो हम संभावित कदमों के बारे में जरूरी सोचेंगे।
इंडिगो द्वारा वेट-लीज्ड विमानों (किसी अन्य एयरलाइन द्वारा संचालित जेट लेकिन इंडिगो ब्रांड के तहत उड़ान भरने वाले विमान) का उपयोग किया जा रहा है क्योंकि एयरलाइन लंबी दूरी के संचालन में उतर रही है। मुंबई से जुलाई में शुरू होने वाले मैनचेस्टर और एम्स्टर्डम के आगामी मार्गों को इस व्यवस्था के तहत बोइंग 787-9 विमानों द्वारा संचालित किया जाएगा। तुर्की एयरलाइंस के साथ लीजिंग करार इंडिगो की अपनी लंबी दूरी के बेड़े काे इंतजार किए बिना अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों से तेजी से जोड़ने की रणनीति के लिए महत्वपूर्ण है। वर्तमान में 90 से अधिक घरेलू और 40 अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों पर सेवा देने वाली एयरलाइन का लक्ष्य वर्ष के अंत तक 50 अंतरराष्ट्रीय शहरों तक पहुंचना है।
सीईओ ने संवाददाताओं को इंडिगो की 18 साल की यात्रा के बारे में विस्तार से बताया और कहा कि एयरलाइन की योजना चालू वित्त वर्ष में 10 नए अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों के लिए सीधी उड़ानें जोड़ने की है, जिनमें लंदन, एथेंस, एम्स्टर्डम और मैनचेस्टर जैसे प्रमुख शहर शामिल हैं। इन मार्गों के अलावा, चार मध्य एशियाई गंतव्यों और सिएम रीप जैसे दक्षिण-पूर्व एशियाई शहरों के लिए उड़ानें शामिल हैं। घरेलू स्तर पर, इंडिगो देश के चार हवाई अड्डों: हिंडन, आदमपुर, नवी मुंबई और जेवर को जोड़कर कनेक्टिविटी बढ़ाने की योजना बना रही है।
बाजार हिस्सेदारी के हिसाब से भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो 430 से ज़्यादा विमानों के बेड़े के साथ 2,300 से ज़्यादा रोज़ाना उड़ानें संचालित करती है। इसका 2024-25 का विस्तार भारत की बढ़ती हवाई यात्रा मांग और हवाई अड्डे के बुनियादी ढांचे में सुधार से समर्थित है। श्री एल्बर्स ने कहा, “भारतीय विमानन क्षेत्र एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है। हम विकास के अगले चरण का नेतृत्व करने के लिए उत्साहित हैं, जिसकी रणनीति में त्वरित निर्णय, पैमाने और विनियामक अनुपालन को संतुलित ढंग से लिया जाएगा।